जिंदगी में रोज नया रंग घोलती हैं बेटियां: ओबामा
अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज कहा कि उनकी बेटियां साशा और मालिया हर रोज उनकी जिंदगी में एक नया रंग घोलती हुई बड़ी हुई हैं।
वाशिंगटन। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज कहा कि उनकी बेटियां साशा और मालिया हर रोज उनकी जिंदगी में एक नया रंग घोलती हुई बड़ी हुई हैं। उनका प्यार उनके लिए हर रोज एक नया तोहफा लेकर आता है। ओबामा ने कहा, ''आप तो जानते ही हैं कि हर मां बाप को अपनी बेटियों या बेटों पर गर्व होता है। यदि आपके माता पिता को आप पर गर्व नहीं है तो आपको समस्या हो जाती है। लेकिन मेरी बेटियां जैसे जैसे बड़ी होती गयी हैं वे मुझे हैरान करती हैं, प्रभावित करती हैं और हर रोज मेरी जिंदगी को खुशनुमा बना देती हैं।’’
ओबामा ने अपने राष्ट्रपति काल के अंतिम संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''इसलिए इन दिनों जब हम बात करते हैं, हम बच्चों से एक माता पिता के रूप में बात करते हैं लेकिन हम उनसे सीखते भी हैं।’’ एक सवाल के जवाब में ओबामा ने कहा कि मैं समझता हूं कि जिस प्रकार से मालिया और साशा ने अमेरिकी चुनाव परिणामों पर अपनी राय दी वह वास्तव में काफी रोचक है। उन्होंने कहा, ''वे निराश थीं। उन्होंने उस बात पर गौर किया जो चुनाव प्रचार के दौरान उनकी मां ने कही थीं और उन्हें उन बातों पर भरोसा था क्योंकि ये वही बातें थीं जो हमने उन्हें अपने घर में सिखाने की कोशिश की थी और जिन बातों को लेकर मैंने उनकी मां के साथ एक आदर्श पिता बनने का प्रयास किया था। हमने उनसे भी यही कहा था कि वे अपने भावी ब्वायफ्रेंड या जीवनसाथी से भी उसी की उम्मीद करें।’’ ओबामा ने कहा, ''लेकिन हमने उनको एक और बात सिखाने की भी कोशिश की थी और वह थी सोच का लचीलापन और हमने उन्हें यह भी सिखाया कि उम्मीद नाम की एक चीज होती है और यही दुनिया की सबसे अंतिम चीज है। तो आप गिरते हैं, खड़े होते हैं, शरीर पर लगी धूल झाड़ते हैं और फिर से काम में जुट जाते हैं। यही उनका स्वभाव रहा है।’’
ओबामा ने कहा कि दोनों बेटियों में से कोई भी राजनीति में भविष्य नहीं बनाना चाहती। उन्होंने ठहाकों की आवाज के साथ कहा, ''और इसमें भी मैं समझता हूं कि उनकी मां का असर दिखता है।’’ उन्होंने कहा, ''दोनों ऐसे माहौल में पली बढ़ी हैं जहां मैं समझता हूं कि वे देशभक्त ही रहेंगी, इस देश को गहराई से प्यार करेंगी, यह देखेंगी कि इसमें खामियां हैं लेकिन यह भी समझेंगी कि इन खामियों को दूर करना उनकी जिम्मेदारी है।’’ ओबामा ने कहा, ''उन्हें सक्रिय नागरिक बनना होगा और वे अपने दोस्तों, अध्यापकों और भावी सहकर्मियों के साथ ऐसी स्थिति में होंगी कि वे इस मुद्दे पर बात कर सकें कि मुद्दों पर कैसे रौशनी डालनी है बजाय हो हल्ला मचाने के।’’ उन्होंने कहा, ''दोनों ने इस बात की सराहना की है कि यह एक बड़ा, पेचीदा देश है और लोकतंत्र एक अजूबा है...और यह हमेशा वैसे ही काम नहीं करता जैसा आप चाहते हैं, यह निश्चित परिणामों की गारंटी भी नहीं देता।’’
ओबामा ने कहा, ''लेकिन आप यदि सक्रिय हैं और इस प्रक्रिया में शामिल हैं तो इस देश में बुरे लोगों के मुकाबले अच्छे लोग अधिक हैं और इस देश के मूल में एक गरिमा है और उन्हें इस गरिमा को ऊंचा उठाने में योगदान करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि वे ऐसा करेंगी और इस तरीके से वे इस पीढ़ी की प्रतिनिधि हैं जो वास्तव में मेरी उम्मीद बंधाती है।’’ व्हाइट हाउस को विदा कहने के बाद ओबामा की प्राथमिकता अपनी बेटियों के साथ समय बिताना और थोड़ा बहुत लेखन कार्य करने की होगी। उन्होंने पूरी तरह इस बात से इंकार कर दिया कि उनकी कोई महत्वाकांक्षा बची है। उनसे सवाल किया गया था कि क्या वह फिर से राजनीतिक जीवन में लौटेंगे। ओबामा ने कहा, ''मेरे लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि मैं आने वाले शानदार अनुभव के लिए कुछ समय निकालूं। मैं यह सुनिश्चित करूं कि मेरी पत्नी जिनके साथ मैं इस वर्ष अपनी शादी की 25वीं सालगिरह मनाने जा रहा हूं वह मेरे साथ कुछ समय अधिक बिताएं।’’
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