दक्षिण चीन सागर विवाद में बीजिंग के खिलाफ आया फैसला
दक्षिण चीन सागर (एससीएस) पर क्षेत्रीय दावों को लेकर चल रहे विवाद में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने आज चीन के खिलाफ फैसला सुनाया जिससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ सकता है।
द हेग। दक्षिण चीन सागर (एससीएस) पर क्षेत्रीय दावों को लेकर चल रहे विवाद में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने आज चीन के खिलाफ फैसला सुनाया जिससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ सकता है। द हेग स्थित स्थाई मध्यस्थता अदालत (पीसीए) ने एक बयान में कहा, ‘‘न्यायाधिकरण ने निष्कर्ष निकाला कि चीन के पास ‘नाइन डैश लाइन’ के भीतर पड़ने वाले समुद्री इलाकों पर ऐतिहासिक अधिकार जताने का कोई कानूनी आधार नहीं है।’’
सारी नजरें एशियाई राजनीतिक और सैन्य महाशक्ति चीन की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहीं थीं जिसने हेग में पीसीए द्वारा फैसला सुनाये जाने से पहले ही आलोचना शुरू कर दी थी। चीन के सरकारी मीडिया ने आज फैसले के बाद कहा कि चीन न्यायाधिकरण के फैसले को स्वीकार नहीं करता और नहीं मानता। सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बिना स्रोत का हवाला दिए टिप्पणी की। चीन अपने दक्षिण पूर्व एशियाई पड़ोसियों के विरोधी दावों के बीच रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लगभग सारे जलक्षेत्र पर अपना प्रभुत्व जताता रहा है। मनीला ने 2013 में बीजिंग के खिलाफ वाद दर्ज कर कहा था कि 17 साल तक बातचीत के बाद वह सभी राजनीतिक और कूटनीतिक रास्तों को अख्तियार कर थक चुका है। फिलीपीन ने संयुक्त राष्ट्र समर्थित न्यायाधिकरण की व्यवस्था का आज स्वागत किया। फिलीपीन के विदेश सचिव परफेक्टो यासाय ने कहा, ‘‘दक्षिण चीन सागर को लेकर फिलीपीन द्वारा शुरू की गयी मध्यस्थता कार्यवाही पर आज के फैसले का फिलीपीन स्वागत करता है।’’
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