तनाव कम करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद ‘महत्वपूर्ण’

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[email protected] । Aug 9 2019 9:12AM

यूरोपीय संघ के विदेशी मामलों की उच्च प्रतिनिधि तथा यूरोपीय कमीशन की उपाध्यक्ष फेडेरिका मोघेरिनी ने संघ के कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समाधान के रूख को दोहराया।

 लंदन। जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने के भारत सरकार के फैसले के आलोक में यूरोपीय संघ ने गुरूवार को जम्मू-कश्मीर के मसले पर तनाव घटाने के लिए भारत और पाकिस्तान से राजनयिक माध्यम से बातचीत दोबारा शुरू करने का आह्वान किया। भारत की संसद ने मंगलवार को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को दिये गए विशेष दर्जे को वापस लेने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके अलावा एक विधेयक पारित कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों -जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख - में बांट दिया।  सरकार के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया और भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया।  

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यूरोपीय संघ के विदेशी मामलों की उच्च प्रतिनिधि तथा यूरोपीय कमीशन की उपाध्यक्ष फेडेरिका मोघेरिनी ने संघ के कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय समाधान के रूख को दोहराया। मोघेरिनी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर एवं पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। यूरोपीय कमीशन की ओर से जारी बयान में कहा गया है, दोनों नेताओं के साथ बातचीत में उन्होंने कश्मीर और क्षेत्र में तनाव से बचने पर जोर दिया। साथ ही इसे समाप्त करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक माध्यम से संवाद को अति महत्वपूर्ण बताया। 

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बयान में कहा गया है, ‘‘यूरोपीय संघ कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय राजनीतिक समाधान का समर्थन करता है, जो लंबे समय से लंबित विवाद के हल का एकमात्र रास्ता है। क्षेत्र में असुरक्षा एवं अस्थिरता का भी यह कारण है।’’ कमीशन ने कहा कि मोघेरिनी एक इतालवी राजनेता हैं और यूरोपीय संघ में विदेशी मामलों की प्रभारी हैं। मोघेरिनी ने भारत और पाकिस्तान के (विदेश) मंत्रियों के साथ संपर्क में रहने पर सहमति जतायी है। गौरतलब है कि इससे पहले इस साल के शुरू में पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध पैदा हो गया था, इसके बाद भी उन्होंने इसी तरह का बयान जारी करते हुए ‘‘राजनैतिक स्तर पर राजनयिक संपर्कों की बहाली’’ का आह्वान किया था।

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