अमेरिका के साथ बातचीत के लिए दरवाजे खुले हैं: तालिबान

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[email protected] । Sep 18 2019 3:56PM

स्तानिकजई ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता के दौरान अमेरिकियों ने हजारों की संख्या में तालिबानियों को मारने की बात स्वीकार की है और इस तरह से वार्ता के दौरान तालिबान ने अपनी लड़ाई जारी रख कर कुछ गलत नहीं किया।

काबुल। अफगानिस्तान में दो आतंकी हमलों में बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने के कुछ घंटों बाद ही तालिबान के मुख्य वार्ताकार ने कहा है कि अमेरिका के साथ बातचीत के लिए उनके दरवाजे खुले हैं। मुख्य वार्ताकार शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने देश में हाल ही में हुए खून खराबे में तालिबान की भूमिका का बचाव किया। दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान के साथ होने वाली एक गोपनीय बैठक, काबुल में हुए विस्फोट में कई लोगों के मारे जाने के बाद रद्द कर दी थी। मारे गए लोगों में एक अमेरिकी सैनिक भी शामिल था। इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली थी। 

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स्तानिकजई ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि अमेरिका और तालिबान के बीच वार्ता के दौरान अमेरिकियों ने हजारों की संख्या में तालिबानियों को मारने की बात स्वीकार की है और इस तरह से वार्ता के दौरान तालिबान ने अपनी लड़ाई जारी रख कर कुछ गलत नहीं किया। उसने कहा कि हमारी ओर से बातचीत के लिए हमारे दरवाजे खुले हुए हैं। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में चुनाव से पहले राजधानी काबुल और परवान प्रांत में मंगलवार को हुए आत्मघाती बम धमाकों में 48 लोगों की मौत हो गई। 

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पहला धमाका मध्य परवान प्रांत में हुआ जहां राष्ट्रपति अब्दुल गनी की रैली थी। हमलावर मोटरसाइकिल पर आए और रैली स्थल के नजदीक पुलिस चौकी में बम लगाकर धमाका कर दिया। इस धमाके में 26 लोगों की मौत हो गई और 42 लोग घायल हो गए। तालिबान ने मीडिया को भेजे एक बयान में दोनों धमाकों की जिम्मेदारी ली। तालिबान के प्रवक्ता जबीहउल्ला मुजाहिद ने कहा कि गनी की रैली के निकट जानबूझकर धमाका किया गया ताकि 28 सितंबर को होने वाले चुनाव में बाधा डाली जा सके। बयान में कहा गया कि हम पहले ही लोगों को चेतावनी दे चुके हैं कि वे चुनाव रैलियों में शिरकत न करें। अगर उन्हें कोई नुकसान होता है तो वह खुद इसके जिम्मेदार होंगे।

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