ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने चीन पर लगाया दबाव बनाने का आरोप, ताइवान के लिए दिखाई एकजुटता
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री ने ताइवान के साथ एकजुटता व्यक्त की।चीन स्व-शासित ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और इसीलिए द्वीप के साथ किसी भी अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव का विरोध करता है, जैसे कि विदेशी सरकारी अधिकारियों की यात्रा।
ताइपे।ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने ताइवान की यात्रा के दौरान चीन पर दूसरों को परेशान करने वाला रवैया अपनाने का आरोप लगाया और द्वीप राष्ट्र के साथ एकजुटता व्यक्त की। एबॉट ने शुक्रवार को ताइवान में एक सम्मेलन में कहा, ‘‘ अभी दबाव बनाने के लिए ताइवान के साथ एकजुटता दिखाने से अधिक लाभकारी कुछ नहीं होगा।’’
इसे भी पढ़ें: क्यों चीन से रिश्ते बेहतर करना चाहता है अमेरिका, मेल-मिलाप की कोशिशों से होगा संबंधों में सुधार?
चीन स्व-शासित ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और इसीलिए द्वीप के साथ किसी भी अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव का विरोध करता है, जैसे कि विदेशी सरकारी अधिकारियों की यात्रा। ताइवान का सैन्य उत्पीड़न करते हुए शुक्रवार से सोमवार के बीच चीन ने ताइपे की ओर कई बार लड़ाकू विमान उड़ाए हैं। एबॉट ने यह टिप्पणी ताइवान सरकार द्वारा समर्थित एक थिंक-टैंक के सम्मेलन में की। वहीं, ऑस्ट्रेलिया सरकार ने कहा है कि एबॉट की ताइवान यात्रा अनधिकृत है। ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने चीन का कोई भी प्रत्यक्ष उल्लेख ना करते हुए, पूरी तरह संयमित भाषण के साथ इस सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने चीन का उल्लेख नहीं किया, लेकिन कहा, ताइवान, दक्षिण चीन सागर और ताइवान जलडमरूमध्य में सशस्त्र संघर्ष को रोकने के लिए क्षेत्रीय ताकतों के साथ सहयोग करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
अन्य न्यूज़