भारतीय मूल के पूर्व मंत्री ने सिंगापुर के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए अभियान शुरू किया
थरमन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व आर्थिक मंच और संयुक्त राष्ट्र सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी प्रमुख पदों पर कार्य किया है।
सिंगापुर में भारतीय मूल के पूर्व मंत्री थरमन षणमुगरत्नम ने देश के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए बुधवार को औपचारिक रूप से अपने अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर थरमन ने देश की संस्कृति को दुनिया में ‘‘चमकते सितारे’’ के रूप में बनाये रखने का संकल्प जताया। करीब महीने भर पहले थरमन (66) ने सक्रिय राजनीति से हटने की घोषणा करते हुए राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल नहीं होने की बात कही थी। हालांकि, अब उन्होंने अपना औपचारिक अभियान शुरू कर दिया है। थरमन ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा, ‘‘मैं इस दौड़ में शामिल हुआ क्योंकि मैं सिंगापुर की संस्कृति, हमारे कुछ मानदंडों और एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने के तरीके को विकसित करने की आवश्यकता को बहुत दृढ़ता से महसूस करता हूं ताकि हम दुनिया में एक ‘चमकता सितारा’ बने रहें।’’
राष्ट्रपति चुनाव इस साल सितंबर में प्रस्तावित है क्योंकि राष्ट्रपति हलीमा याकूब का छह साल का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त हो रहा है। अपनी पत्नी जेन युमिको इत्तोगी के साथ मौजूद थरमन ने वैश्विक और घरेलू स्तर पर सिंगापुर के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के समक्ष असली चुनौती समाज में विभाजन को रोकना है। वरिष्ठ नेता थरमन ने कहा कि राजनीति में 22 वर्ष के अनुभव के बलबूते वह लोगों को एकजुट रखने में पूरी तरह सक्षम हैं, जो राष्ट्रपति की एक महत्वपूर्ण भूमिका है।
वर्ष 2001 में राजनीति में आने से पहले थरमन एक अर्थशास्त्री और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण में लोकसेवक थे। उन्होंने शिक्षा और वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया है और वह 2011 से 2019 तक देश के उप प्रधानमंत्री थे। थरमन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व आर्थिक मंच और संयुक्त राष्ट्र सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी प्रमुख पदों पर कार्य किया है।
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