जर्मनी के ऑग्सबर्ग शहर को UNESCO ने विश्व धरोहर का दर्जा दिया

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जर्मनी के जलवाही सेतु, जल टावर, सुंदर फव्वारों, नहर और सैकड़ों पुलों से सजे ऑग्सबर्ग शहर को अपनी 800 साल पुरानी जल प्रबंधन प्रणाली के लिए यूनेस्को ने शनिवार को विश्व धरोहर का दर्जा दे दिया। बवेरिया राज्य में 2,000 साल पुराने शहर की यह प्रणाली मध्य युग से स्वच्छ पेयजल मुहैया करा रही है और स्वच्छता बनाए रख रही है।

बर्लिन/दुबई। जर्मनी के जलवाही सेतु, जल टावर, सुंदर फव्वारों, नहर और सैकड़ों पुलों से सजे ऑग्सबर्ग शहर को अपनी 800 साल पुरानी जल प्रबंधन प्रणाली के लिए यूनेस्को ने शनिवार को विश्व धरोहर का दर्जा दे दिया। बवेरिया राज्य में 2,000 साल पुराने शहर की यह प्रणाली मध्य युग से स्वच्छ पेयजल मुहैया करा रही है और स्वच्छता बनाए रख रही है। शहर के सांस्कृतिक मामलों के निदेशक थॉमस विट्जेल ने कहा, ‘‘ऑग्सबर्ग में पानी का इतिहास इस शहर की सांस्कृतिक और कलात्मक संपदा से जुड़ा है। ऑग्सबर्ग पानी को इतनी कीमती संपत्ति मानता है कि वह हमेशा उसका संरक्षण करना चाहता है।’’

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दूसरी ओर, यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति ने बहरीन के डिलमन कब्रिस्तान टीलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है। समिति ने ‘‘वैश्विक रूप से अनूठी विशेषताओं’’ के लिए इन कब्रों की तारीफ की। यूनेस्को के अनुसार, द्वीप के पश्चिमी हिस्से में कब्रिस्तान में 21 पुरातात्विक स्थल शामिल हैं जिनका निर्माण 2050 और 1750 ईसा पूर्व के बीच हुआ। एक बयान में कहा गया कि इन स्थलों में से छह कब्रिस्तान के टीले हैं जिनमें से कुछ में हजारों स्तूप बने हैं। यूनेस्को ने कहा कि ये क्रबिस्तान के टीले डिलमन सभ्यता का सबूत हैं जिस दौरान बहरीन व्यापार का केंद्र बना।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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