The Berlin Wall पर बना गूगल डूडल, जानिए आखिर क्या और क्यों गिराई गई थी ये दीवार?

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निधि अविनाश । Nov 9 2019 11:45AM

इस दीवार के विभाजन के बाद कई लोग पूर्वी हिस्से को छोड़कर पश्चिम हिस्से की ओर जाने लग गए थे। जिससे पूर्वी हिस्से को आर्थिक से लेकर राजनैतिक नुकसान झेलना पड़ा। प्रवास को रोकने के लिए इस दीवार का निर्माण किया गया।

दिल्ली। आज गूगल डूडल बर्लिन की दीवार की 30वीं ऐनिवर्सरी मना रहा है। आपको बता दें कि इस डूडल को मैक्स गूथर ने बनाया हैं। आखिर क्या है यह बर्लिन वॉल और क्यों इसे ऐतिहासिक माना जाता है। बर्लिन वॉल को 13 अगस्त 1961 को बनाया गया था और 9 नंवबर 1989 को इस दीवार को गिरा दिया गया था। 28 साल तक बर्लिन शहर दो पूर्वी और पश्चिमी टुकड़ों में बटा हुआ था। दीवार का विभाजन द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद किया गया था।

इस दीवार के विभाजन के बाद कई लोग पूर्वी हिस्से को छोड़कर पश्चिम हिस्से की ओर जाने लग गए थे। जिससे पूर्वी हिस्से को आर्थिक से लेकर राजनैतिक नुकसान झेलना पड़ा। प्रवास को रोकने के लिए इस दीवार का निर्माण किया गया।

आपको बता दें कि इस दीवार को पार करने के लिए लोग कई तरीकें अपनाते थे। कोई इस दीवार को हथोड़े से तोड़ता था तो कोई इस दीवार को फांद कर जाने की कोशिश करता था। इस दीवार के पास कई मात्रा में सैना तैनात रहते थे। अगर कोई इस दीवार को फांदने की कोशिश भी करता तो उसे गोली से उड़ा दिया जाता था नहीं तो गिरफ्तार कर लिया जाता था।  

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बर्लिन की दीवार को इतिहास की सबसे बड़ी घटना मानी जाती है। शीत य़ुद्ध का प्रतीक बनी इस दीवार को बनाने की मंजूरी सोवियत संघ के नेता निकिता ख्रुश्चेव ने दी थी। इस दीवार के बनने से कई लोग विरोध में भी बाहर आए और दीवार को तोड़ने की भी कोशिश की, विरोध होते गए, दीवार को तोड़ने की भी कई कोशिश हुई और आया 9 नवंबर 1989 का वो दिन जब लिया गया ऐतिहासिक फैसला जिसमें यह घोषणा की गई कि सीमा पर आवागमन पर से रोक हटा दी गई है। उसके बाद पूर्वी हिस्से और पश्चिम हिस्से के लोग दीवार को तोड़ने लगे और दीवार को पार कर दोनों तरफ के लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर अपनी खुशी जाहिर की। आज भी गले लग रहे लोगों की वो तस्वीरें बहुत ऐतिहासिक मानी जाती हैं। आप भी देखिए इन तस्वीरों को।

जब यह सीमा पूरी तरह से टूट गया तो दोनों तरफ के लोगों ने इस ऐतिहासिक घटना को अपनी यादों के लिए दीवार के टुकड़े को अपने पास रखा और घर ले गए। 3 अक्टूबर को इस दीवार को आधिकारिक तौर पर खत्म कर दिया गया और जर्मनी फिर से एक हो गई। 

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