आज भी रिपब्लिकन पार्टी की रणनीति में स्टार हैं हिलेरी क्लिंटन
अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन करीब डेढ़ साल पहले हुए राष्ट्रपति चुनाव में हार गई हैं। अब वह सत्ता में नहीं हैं। अगली बार चुनाव में उनके खड़ी होने की उम्मीद नहीं हैं।
न्यूयॉर्क। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन करीब डेढ़ साल पहले हुए राष्ट्रपति चुनाव में हार गई हैं। अब वह सत्ता में नहीं हैं। अगली बार चुनाव में उनके खड़ी होने की उम्मीद नहीं हैं। फिर भी वह अपनी विरोधी रिपब्लिकन पार्टी की मध्यकालीन रणनीति के केंद्र में हैं और उसमें छाई हैं।अमेरिका की सबसे पुरानी पार्टी रिपब्लिकन के प्रभावशाली नेता डेमोक्रेट पार्टी के खिलाफ अपने हमलों में हिलेरी को मुख्य खलनायिका की तरह पेश कर रहे हैं। पेनसिल्वेनिया, इंडियाना और नॉर्थ डकोटा जैसे स्थानों पर इस रणनीति को पहले ही अमल में लाया जा रहा है जो हिलेरी के लिए रिपब्लिकन वोटरों की चिढ़ को दिखाते हैं। डेमोक्रेट सदस्यों के लिए तो क्लिंटन युग से आगे बढ़ना मुश्किल है ही, अब रिपब्लिकन पार्टी के लिए यह ज्यादा बड़ी मुश्किल दिख रही है।इस साल पेनसिल्वेनिया में विशेष चुनाव के दौरान बांटे गए पर्चों पर लिखा था, ‘‘हिलेरी को रोको। पेलोसी को रोको। लैंब को रोको।’’
नवंबर में होने वाले चुनाव जैसे-जैसे करीब आते जा रहे हैं, रिपब्लिकन पार्टी की रणनीति के संकेत स्पष्ट होते जा रहे हैं। यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मौजूदा कार्यकाल के पहले मध्यावधि चुनावों की रणनीति बनाने में जुटे रिपब्लिकन नेताओं का कहना है। रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े कांग्रेसनल लीडरशिप फंड की अगुवाई करने वाले कोरी ब्लिस ने कहा, ‘‘मैं आपसे वादा करता हूं कि आप यह देखते रहेंगे - हमारी बिकी हुई मीडिया में हिलेरी क्लिंटन मौजूदगी दर्ज कराती रहेंगी। वह बहुत प्रभावशाली प्रेरक व्यक्ति हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह मामला इससे जुड़ा है कि वह किसकी नुमाइंदगी करती हैं। वह जिस चीज की नुमाइंदगी करती हैं, जैसा की नैंसी पेलोसी करती हैं, वह अति वामपंथी उदार स्थितियां हैं।’’ आलोचकों का कहना है कि यह रणनीति महिला विरोधी भले ही नहीं हो, लेकिन इससे उनकी बेसब्री नजर आती है। लेकिन करीब एक दशक में पहली बार व्हाइट हाउस में ऐसा कोई डेमोक्रेट नहीं है जिस पर हमला किया जा सके तो रिपब्लिकन बड़ा दांव इस बात पर लगा रहे हैं कि हिलेरी से ही 2018 में उनकी नैया पार लगेगी।
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