दुनिया की ‘चीन पर नियंत्रण की नीति’ दक्षिण एशिया के विकास में सबसे बड़ी रुकावट : खान
खार ने कहा कि दक्षिण एशिया ऐसा क्षेत्र है जिसने उसके भूगोल से बहुत कम लाभ उठाया है जो क्षेत्र के अंदर व्यापार करके अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी देश ने अच्छा प्रदर्शन किया है तो वह क्षेत्र के बाहर व्यापार करके किया है, भले ही क्षेत्र के अंदर उनका व्यापार बहुत कम हो।
दावोस| पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने बुधवार को कहा कि दक्षिण एशिया के आर्थिक और व्यापारिक विकास में आज सबसे बड़ी रुकावट दुनिया की ‘चीन को नियंत्रित करने की नीति’ है।
विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2022 में एक सत्र को संबोधित करते हुए खार ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में व्यापार की क्षमताओं का उपयोग नहीं कर पाया है और इसकी एक वजह भारत है।
उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी समस्या यह है कि दुनिया इस पड़ोसी से बहुत ज्यादा मंत्रमुग्ध है क्योंकि चीन पर नियंत्रण की नीति के तहत यह बहुत महत्वपूर्ण है।’’ पाक मंत्री ने कहा, ‘‘हम भारत को लेकर बहुत कुछ नहीं कर सकते, जब तक कि भारत ऐसा करने का निर्णय नहीं लेता, कश्मीर और कश्मीरी जनता पर कुछ नहीं करता।’’
भारत हमेशा कहता रहा है कि कश्मीर के बारे में बोलने का पाकिस्तान को कोई हक नहीं है और इस्लामाबाद से कोई भी बातचीत तभी हो सकती है जब वह भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को रोके।
खार ने कहा कि दक्षिण एशिया ऐसा क्षेत्र है जिसने उसके भूगोल से बहुत कम लाभ उठाया है जो क्षेत्र के अंदर व्यापार करके अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी देश ने अच्छा प्रदर्शन किया है तो वह क्षेत्र के बाहर व्यापार करके किया है, भले ही क्षेत्र के अंदर उनका व्यापार बहुत कम हो।
उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी समस्या दुनिया की चीन पर नियंत्रण की नीति है।
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