‘भारतीय मूल के स्कूलों में जापानी छात्रों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय भाषाओं में हिंदी, फ्रेंच शामिल’

Indian Languages
Google Creative Commons.

जीआईआईएस के एक प्रमुख सदस्य अतुल तेमुर्निकर ने यह जानकारी दी। छह देशों में जीआईआईएस के संस्थान हैं। सिंगापुर में ‘ग्लोबल स्कूल्स फाउंडेशन’ के सह-संस्थापक एवं अध्यक्ष तेमुर्निक ने कहा कि जापानी छात्र अपनी संस्कृति को बचाए रखते हुए एशियाई और पश्चिमी संस्कृतियों के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं।

 सिंगापुर| तोक्यो में ‘ग्लोबल इंडियन इंटरनेशनल स्कूल’ (जीआईआईएस) में जापानी छात्रों के बीच हिंदी और फ्रेंच सबसे अधिक लोकप्रिय विदेशी भाषाएं हैं।

जीआईआईएस के एक प्रमुख सदस्य अतुल तेमुर्निकर ने यह जानकारी दी। छह देशों में जीआईआईएस के संस्थान हैं। सिंगापुर में ‘ग्लोबल स्कूल्स फाउंडेशन’ के सह-संस्थापक एवं अध्यक्ष तेमुर्निक ने कहा कि जापानी छात्र अपनी संस्कृति को बचाए रखते हुए एशियाई और पश्चिमी संस्कृतियों के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं।

उन्होंने जीआईआईएस में संबंधी पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘सांस्कृतिक शिक्षा जापानी और प्रवासी छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों के बारे में गहराई से जानने और अनुभव करने का अवसर देती है।’’ जीआईआईएस के 16 संस्थानों में 15,000 छात्र हैं।

तेमुर्निकर ने जीआईआईएस ग्रेड पांच के एक जापानी छात्र का अनुभव साझा किया, जिसने इस सप्ताह की शुरुआत में जापान की दो दिवसीय यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोगों के साथ बातचीत के दौरान हिंदी में बात कर उन्हें चकित कर दिया था। छात्र रित्सुकी कोबायाशी ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ हिंदी में बात की और एक चित्र पर उनका ऑटोग्राफ मांगा जिसमें हिंदी, जापानी और अंग्रेजी में विवरण थे।

प्रधानमंत्री इससे अभिभूत हुए और उन्होंने मुस्कुराते हुए छात्र से बात की। तेमुर्निकर ने कहा कि जापानी छात्रों के बीच हिंदी एक लोकप्रिय है और इसे कक्षा एक से 10 तक के दोनों पाठ्यक्रमों, ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन’ और ‘कैम्ब्रिज आईजीसीएसई’ में पढ़ाया जाता है।

उन्होंने जापानी छात्रों की भाषाई विविधता को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत-जापान के लोगों के बीच संबंध लगभग एक सदी पुराने हैं। जीआईआईएस तोक्यो में 19 राष्ट्रों के छात्र पढ़ते हैं, जिनमें सबसे बड़ा समूह जापानी छात्रों का है। ये छात्र हिंदी, फ्रेंच, जापानी, संस्कृत, मंदारिन, अरबी और तमिल सहित 10 से अधिक भाषाएं सीखते हैं।

तेमुर्निकर ने कहा कि संस्थान नियमित रूप से पर्व मसलन हिंदी दिवस, हिंदी प्रतियोगिता, हिंदी वाद-विवाद आदि आयोजित करता है और जापानीमें भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़