उम्मीद है कि अमेरिका एवं यूरोप बेलारूस पर नए प्रतिबंध लगाएंगे: विपक्ष की नेता

Belarus Leader of Opposition

बेलारूस में संकटग्रस्त विपक्ष की नेता ने उम्मीद जताई है कि देश पर अमेरिका और यूरोप के नए प्रतिबंध जल्द लागू होंगे, जिससे अलेक्जेंडर लुकाशेंको का शासन ढह जाएगा और सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण होगा, जिसकी लोकतंत्र समर्थक तैयारी कर रहे हैं।

न्यूयॉर्क। बेलारूस में संकटग्रस्त विपक्ष की नेता ने उम्मीद जताई है कि देश पर अमेरिका और यूरोप के नए प्रतिबंध जल्द लागू होंगे, जिससे अलेक्जेंडर लुकाशेंको का शासन ढह जाएगा और सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण होगा, जिसकी लोकतंत्र समर्थक तैयारी कर रहे हैं। देश में पिछले साल अगस्त में हुए विवादित चुनाव में लुकाशेंको की मुख्य प्रतिद्वंद्वी रहीं स्वेतलाना त्सिखानौस्काया ने बताया कि पूर्व सोवियत संघ अनेपक्षित रूप से छह दिन में ढह गया था और ‘‘बेलारूस में भी यही स्थिति हो सकती है।’’

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उन्होंने अमेरिका के वॉशिंगटन में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं सांसदों से मुलाकात की और अमेरिका से बेलारूस में असंतुष्ट लोगों पर लुकाशेंकों की कार्रवाई के जवाब में ‘‘सक्रिय और गैर प्रतीकात्मक’’ कदम उठाने की अपील की। त्सिखानौस्काया ने बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की। बाइडन ने ट्वीट किया कि त्सिखानौस्काया से मिलना उनके लिए ‘‘सम्मान की बात’’ है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका लोकतंत्र और सार्वभौमिक मानवाधिकारों के लिए बेलारूस के लोगों के साथ खड़ा है’’ त्सिखानौस्काया ने बाइडन के साथ बैठक को ‘‘आगे की ओर एक बड़ा कदम’’ बताया, लेकिन कहा कि ‘‘अभी बहुत लंबा रास्ता तय करना है’’।

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उन्होंने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को फोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे राष्ट्रपति बाइडन का समर्थन मिला है कि अमेरिका हमारी बहुत कठिन लड़ाई में बेलारूस के साथ खड़ा रहेगा।’’ त्सिखानौस्काया ने कहा कि उन्होंने बेलारूस पर विशिष्ट नए प्रतिबंधों पर चर्चा नहीं की, लेकिन लुकाशेंको शासन पर दबाव बढ़ाने की आवश्यकता के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि शासन को कमजोर करने का ‘‘सबसे शक्तिशाली माध्यम’’ प्रतिबंध हैं और उन्हें विश्वास है कि ‘‘अमेरिका इस लड़ाई में बेलारूसियों के साथ खड़ा रहने के लिए हर संभव प्रयास’’ करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि जल्द ही नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे और यूरोपीय प्रतिबंधों के साथ अमेरिकी प्रतिबंध शासन पर एक बड़ा प्रभाव डालेंगे।’’ लुकाशेंको को अगस्त 2020 में छठी बार विजेता घोषित किए जाने के बाद कई महीनों तक विरोध प्रदर्शन हुए थे। विपक्ष और पश्चिमी देशों ने आरोप लगाया है कि ये चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष नहीं थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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