कश्मीर पर कोई भी कदम उठाने का फैसला मानवाधिकार परिषद का होगा: संरा

Human Rights Council will decide to take any action on Kashmir
[email protected] । Jun 15 2018 2:48PM

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने कहा कि मानवाधिकार मामलों के प्रमुख ने कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने कहा कि मानवाधिकार मामलों के प्रमुख ने कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की उच्च स्तरीय स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की जो मांग की है उसके बारे में आगे क्या कदम उठाना है इसके बारे में फैसला संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सदस्य लेंगे।

संरा महासचिव गुतारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने यह टिप्पणी कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर संरा की पहली मानवाधिकार रिपोर्ट सामने आने के बाद की है। भारत ने कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन की संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट को भ्रामक, पक्षपातपूर्ण और प्रेरित बता कर इसे खारिज कर दिया और इसे चुनिंदा तरीके से जुटाई गई गैर सत्यापित जानकारी का बड़ा संकलन बताया।

विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि रिपोर्ट पूरी तरह से पूर्वाग्रह से प्रेरित है और गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है। 

उप प्रवक्ता फरहान हक ने कल यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ जैसा आप जानते हैं यह मानवाधिकार परिषद के सदस्य देशों पर निर्भर करेगा। उच्चायुक्त जैद ने मानवाधिकार परिषद को इस बारे में प्रस्ताव दिया है। इसका जवाब क्या होना चाहिए इसके बारे में हम आकलन करेंगे।  उनसे पूछा गया था कि क्या महासचिव कश्मीर और पीओके में कथित उल्लंघनों की स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच के पक्ष में हैं। इस सवाल के जवाब में हक ने कहा कि संरा प्रमुख का लंबे समय से यह मानना है कि कश्मीर में बने हालात को पक्षों को अपने स्तर पर सुलझाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें देखना होगा कि इस रिपोर्ट के परिणाम के बारे में मानवाधिकार परिषद क्या फैसला लेती है। यह रिपोर्ट मानवाधिकार कार्यालय ने तैयार की है। संयुक्त राष्ट्र का फैसला क्या होगा यह सदस्य देश तय करेंगे।

हक ने कहा कि उच्चायुक्त ने स्वतंत्र जांच की मांग की है , लेकिन उस सुझाव पर किस तरह की प्रतिक्रिया दी जानी है इसके बारे में फैसला मानवाधिकार परिषद के सदस्यों का होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ उच्चायुक्त और मानवाधिकार कार्यालय ने उनके पास मौजूद सर्वश्रेष्ठ जानकारियों के आधार पर रिपोर्ट दी है। हालांकि कश्मीर के दोनों ही हिस्सों में जैसी पहुंच और संपर्क वह चाहते हैं, वह उन्हें नहीं मिल पाया। अब इस चरण में, रिपोर्ट उनके हाथों में हैं। इस मामले में कोई कदम उठाए जाने की जरूरत है या नहीं यह फैसला संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सदस्य देश ही करेंगे।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़