US में इमरान खान की हुई ''बेइज्जती'', अल्पसंख्यको ने किया विरोध प्रदर्शन

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[email protected] । Jul 24 2019 5:16PM

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अमेरिका की अपनी पहली यात्रा के दौरान पाकिस्तानी जातीय एवं अल्पसंख्यक समूहों के विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघनों और लोगों को जबरन गायब किए जाने की घटनाओं की ओर ट्रम्प प्रशासन का ध्यान खींचने के लिए प्रदर्शन किए। मुहाजिर और बलोच समुदाय का आरोप है कि पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियां अल्पसंख्यक समुदायों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही हैं।

वॉशिंगटन। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अमेरिका की अपनी पहली यात्रा के दौरान पाकिस्तानी जातीय एवं अल्पसंख्यक समूहों के विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघनों और लोगों को जबरन गायब किए जाने की घटनाओं की ओर ट्रम्प प्रशासन का ध्यान खींचने के लिए प्रदर्शन किए। मुहाजिर और बलोच समुदाय का आरोप है कि पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियां अल्पसंख्यक समुदायों के मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही हैं।

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बलोच समेत जातीय एवं अल्पसंख्यक समूहों ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) के साथ मिलकर व्हाइट हाउस, यूएस कैपिटोल और यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस की इमारत के समक्ष के विरोध प्रदर्शन किए। एमक्यूएम ने रविवार को यूएस कैपिटोल के सामने खान के खिलाफ प्रदर्शन किए और आरोप लगाया कि कराचीऔर पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में मुहाजिरों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।

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बलोच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने भी यहां प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान सोमवार को पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए और देश के दक्षिण पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत की आजादी की मांग की। खान 21 से 23 जुलाई तक तीन दिवसीय यात्रा पर अमेरिका आए थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति ट्रम्प से मुलाकात की और आतंकवाद के कारण क्षेत्रीय स्थिरता को पैदा होने वाली चुनौतियों एवं अफगानिस्तान में शांति स्थापना पर चर्चा की। खान की यह यात्रा 2015 के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के बीच शिखर स्तर की पहली वार्ता थी।

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मुहाजिर, बलोच, पश्तून, सिंधी, गिलगित बाल्टिस्तान और सरायकी समुदायों के प्रदर्शनकारियों ने अपील की कि अमेरिका सरकार खान के साथ बातचीत के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन का मामला उठाए। व्हाइट हाउस के समक्ष प्रदर्शन करने वालों में शामिल रेहान इबादत ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में पाकस्तानी सेना द्वारा आतंकवाद और आम नागरिकों की सामूहिक हत्या की घटनाएं रोकी जाएं।’’

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