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द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए अनुकूल वातावरण बनाने की जिम्मेदारी भारत की: इमरान खान
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- फरवरी 27, 2021 19:39
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भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बृहस्पतिवार को संयुक्त रूप से घोषणा की थी कि वे नियंत्रण रेखा पर और अन्य सेक्टरों में संघर्ष विराम समझौते का कड़ाई से पालन करेंगे।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के साथ संघर्ष विराम समझौते का शनिवार को स्वागत किया और कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए “अनुकूल वातावरण” बनाने की जिम्मेदारी नयी दिल्ली की है। भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बृहस्पतिवार को संयुक्त रूप से घोषणा की थी कि वे नियंत्रण रेखा पर और अन्य सेक्टरों में संघर्ष विराम समझौते का कड़ाई से पालन करेंगे। इसके बाद पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए खान ने कहा कि पाकिस्तान, भारत के साथ “सभी लंबित मुद्दों” का समाधान बातचीत के जरिये करने को तैयार है।
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उन्होंने ट्वीट किया, “नियंत्रण रेखा पर फिर से संघर्ष विराम स्थापित करने का मैं स्वागत करता हूं। इसमें आगे की प्रगति के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने की जिम्मेदारी भारत की है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीरी लोगों द्वारा अपने निर्णय खुद करने की उनकी बहुप्रतीक्षित मांग और अधिकार के लिए भारत को आवश्यक कदम उठाने चाहिए।” खान ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, “हम हमेशा शांति चाहते हैं और सभी लंबित मुद्दों का समाधान बातचीत के जरिये निकालने को तैयार हैं।” पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायु सेना द्वारा 2019 में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों पर हवाई हमला किया गया था। इस हमले की दूसरी सालगिरह के अवसर पर सिलसिलेवार ट्वीट कर खान ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है और सभी लंबित मुद्दों का समाधान बातचीत के जरिये करना चाहता है।
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उन्होंने कहा कि पकड़े गए भारतीय पायलट को वापस कर पाकिस्तान ने दुनिया को अपना “जिम्मेदाराना बर्ताव” दिखाया है। कश्मीर के मुद्दे पर खान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीरी लोगों द्वारा अपने निर्णय खुद करने की उनकी बहुप्रतीक्षित मांग और अधिकार के लिए भारत को आवश्यक कदम उठाने चाहिए। गौरतलब है कि भारत पाकिस्तान से कह चुका है कि उसके अंदरूनी मामलों में टिप्पणी करने का पड़ोसी देश को कोई अधिकार नहीं है। इसके साथ ही भारत ने कहा है कि जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख संघ शासित क्षेत्र भारत का अभिन्न हिस्सा थे और रहेंगे।

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