पाकिस्तान सरकार के खिलाफ इमरान खान का विरोध मार्च, ट्वीट कर कहा- हमें कोई नहीं रोक सकता

Imran Khan
ANI
अंकित सिंह । May 25 2022 9:12PM

इमरान खान ने लिखा कि कोई भी आयातित सरकार द्वारा कोई भी उत्पीड़न और फासीवाद हमारे मार्च को नहीं रोक सकता है। आपको बता दें कि पिछले महीने इमरान खान को अल्पमत में आने के बाद सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान में नई सरकार बनी है।

पाकिस्तान में सत्ता से बेदखल होने के बाद इमरान खान लगातार शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ हल्ला-बोल कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज उनकी पार्टी की ओर से आजादी मार्च निकाला गया। हालांकि, पाकिस्तान सरकार की ओर से इस मार्च को इस्लामाबाद में आयोजित करने की इजाजत नहीं दी जा रही थी। लेकिन बाद में इसे इजाजत दे दी गई है। इन सब के बीच इमरान खान की पार्टी का विरोध मार्च पाकिस्तान के पंजाब में प्रवेश कर चुका है। इस बात की जानकारी खुद इमरान खान ने ट्वीट कर दी। इमरान खान ने अपने ट्वीट में लिखा कि हम पंजाब में प्रवेश कर चुके हैं और इंशाअल्लाह इस्लामाबाद की ओर बढ़ेंगे। 

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इसके साथ ही इमरान खान ने लिखा कि कोई भी आयातित सरकार द्वारा कोई भी उत्पीड़न और फासीवाद हमारे मार्च को नहीं रोक सकता है। आपको बता दें कि पिछले महीने इमरान खान को अल्पमत में आने के बाद सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान में नई सरकार बनी है। इससे पहले, पुलिस और खान की पार्टी के समर्थकों के बीच झड़पों के मद्देनजर सरकार ने राजधानी की तरफ जाने वाली कई मुख्य सड़कों को जगह-जगह कंटेनर और ट्रक लगाकर अवरूद्ध कर दिया था। पीटीआई को इस्लामाबाद में रैली करने की अनुमति दी जाएगी और उसके समर्थक शांतिपूर्ण प्रदर्शन के बाद वापस लौट आएंगे। यह भी सहमति बनी कि सभी अवरोधकों को हटा दिया जाएगा और सरकार द्वारा नेशनल असेंबली को भंग करने तथा नए सिरे से चुनाव कराने के लिए दबाव बनाने को लेकर खान द्वारा आहूत रैली में आने वाले लोगों के लिए कोई बाधा नहीं पैदा की जाएगी। दोनों पक्षों की ओर से समझौते के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। 

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आपकों बता दें कि देश के 75 साल के इतिहास में आधे समय से ज्यादा तक सेना सत्ता में रही है और सुरक्षा तथा विदेश नीति के मामलों में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पिछले महीने अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए गए खान ने स्पष्ट तौर पर सेना का समर्थन खो दिया था क्योंकि उन्होंने पिछले साल खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख की नियुक्ति का समर्थन करने से इनकार कर दिया था। इस बीच, खान (69) ने कहा कि वह रैली को आयोजित करने के लिए किसी भी कीमत पर इस्लामाबाद जाएंगे, जिस पर पूर्व में सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था। खान अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ ट्रक पर सवार होकर मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। खैबर-पख्तूनख्वा में एम-2 मोटरवे पर स्वाबी चौराहे पर अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि ‘‘चोर और अमेरिका के नौकर इस्लामाबाद में शासन कर रहे हैं।

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