इमरान खान का बेतुका बयान, बोले- मोदी सरकार के जाते ही सुधरेंगे दोनों देशों के बीच संबंध

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इस इंटरव्यू के दौरान इमरान खान ने कहा है कि मोदी सरकार की सत्ता से विदाई के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते अच्छे हो जाएंगे। इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी पर आरएसएस की विचारधारा पर चलने का भी आरोप लगाया। वहीं इससे पहले भारत में साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इमरान खान ने कहा था कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा सत्ता में आते हैं तो कश्मीर को लेकर आगे बात बढ़ सकती है।

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में पूरी दुनिया को जानकारी है। भारत के चीन और पाकिस्तान दोनों ही देशों के संबंध बड़े ही चुनौतीपूर्ण हैं। ऐसे में अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिकी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर बात की है। 

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इस इंटरव्यू के दौरान इमरान खान ने कहा कि मोदी सरकार की सत्ता से विदाई के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते अच्छे हो जाएंगे। इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी पर आरएसएस की विचारधारा पर चलने का भी आरोप लगाया। वहीं इससे पहले भारत में साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इमरान खान ने कहा था कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा सत्ता में आते हैं तो कश्मीर को लेकर आगे बात बढ़ सकती है।

ऐसे में अब अमेरिकी मीडिया के सामने दिए बयान और साल 2019 के इमरान खान के बयान से यह कहना गलत नहीं होगा कि वे भारत के साथ रिश्ते को लेकर असमंजस की स्थिति में रहते हैं। अमेरिकी मीडिया के रिपोर्टर ने इमरान खान से पूछा कि अगर मोदी सरकार सत्ता छोड़ती है तो क्या भारत-पाकिस्तान के रिश्ते सुधरेंगे।

रिपोर्टर के इस सवाल के जवाब में इमरान खान ने कहा कि वह भारत को किसी भी अन्य पाकिस्तानी से बेहतर मानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें दूसरे देशों की तुलना में भारत से ज्यादा प्यार मिला है क्योंकि क्रिकेट एक बड़ा खेल है और दोनों देशों में लगभग एक धर्म है। आगे उन्होंने कहा कि जब वे प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने सबसे पहले नरेंद्र मोदी से संपर्क किया था। 

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RSS की विचारधारा को बताया अजीब

इमरान खान ने इंटरव्यू में कहा कि उनका उद्देश्य पाकिस्तान में गरीबी को कम करना है। इमरान ने आगे बताया कि इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि गरीबी दूर करने के लिए सबसे अच्छा तरीका भारत और पाकिस्तान के बीच सामान्य, सभ्य व्यापारिक संबंध हों। इससे दोनों देशों का फायदा होगा। इमरान ने दावा किया कि हमने हमेशा कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मुझे लगता है कि यह आरएसएस की अजीब विचारधारा है। इसी से प्रधानमंत्री मोदी का भी संबंध है।

उन्होंने कहा कि  अगर कोई और भारतीय नेतृत्व करता है तो मुझे लगता है कि हमारे उनके साथ अच्छे संबंध होते और हां हमने बातचीत के जरिए अपने सभी मतभेदों को सुलझा लिया होता। वहीं अगर इमरान खान के 2019 के एक बयान पर नजर डालें तो उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में वापसी पर शांति वार्ता की संभावना ज्यादा होगी। 

पाक से नहीं सुधरे संबंध

बीजेपी दक्षिणपंथी पार्टी है और वह जीतती है तो कश्मीर को लेकर बातचीत आगे बढ़ सकती है। उन्होंने विदेशी पत्रकारों के साथ बातचीत में यह भी कहा था कि अगर भारत में नई सरकार कांग्रेस की बनती है तो हो सकता है कि वो पाकिस्तान के साथ बातचीत को लेकर डरी हुई हो। आपको बता दें कि 1947 से लेकर 2021 तक किसी भी पार्टी की सरकार में पाकिस्तान के साथ संबंध वैसे नहीं सुधरे जैसे दूसरे पड़ोसी देशों के साथ हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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