इमरान ने जरदारी और शरीफ से कहा, पहले लूटे हुए धन को लौटाएं, फिर देश से जाएं

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[email protected] । Jul 2 2019 8:41PM

प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के नाम तो नहीं बताए लेकिन कहा कि उन्होंने मुझे केवल संदेश दिया, शरीफ की रिहाई के लिए दबाव नहीं बनाया।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के मामलों के आरोपियों- पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ जैसे नेताओं को कोई क्षमादान नहीं देगी लेकिन यदि वे लूटे हुए धन को गुनाह कबूलने संबंधी समझौते के तहत लौटा देते हैं तो वे देश से जा सकते हैं। खान ने यह भी खुलासा किया कि जेल में बंद शरीफ (69) के बेटों ने दो मित्र राष्ट्रों की मदद से अपने पिता की रिहाई कराने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के नाम तो नहीं बताए लेकिन कहा कि उन्होंने मुझे केवल संदेश दिया, शरीफ की रिहाई के लिए दबाव नहीं बनाया। खान ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे कहा कि हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।’’ इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ वित्त सलाहकार हाफीज शेख और फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के अध्यक्ष शब्बार जैदी मौजूद थे।

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शरीफ 24 दिसंबर 2018 से लाहौर के कोट लखपत जेल में सात साल की कैद की सजा काट रहे हैं। जवाबदेही अदालत ने पनामा पेपर्स मामले में शीर्ष अदालत के 28 जुलाई, 2017 के आदेश के आलोक में दर्ज किये गये तीन मामलों में से एक में उन्हें दोषी ठहराया था। शरीफ और उनके परिवार ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले राजनीति से प्रेरित थे। शीर्ष अदालत ने मई में, उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। उसमें चिकित्सा आधार पर जमानत और उपचार के लिए विदेश जाने की अनुमति मांगी गई थी। खान ने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराए गए लोगों को तब तक बाहर नहीं जाने दिया जाएगा जब तक कि वे चोरी किय गया धन लौटा नहीं देते।

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उन्होंने कहा, ‘‘यदि नवाज इलाज के लिए बाहर जाना चाहते हैं तो उन्हें पहले लूटे हुए धन को लौटाना चाहिए। यदि अली जरदारी के साथ भी ऐसी बात है तो उन्हें भी धन लौटाना चाहिए।’’ उन्होंने राष्ट्रीय मेलमिलाप अध्यादेश जैसे सौदे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ एनआरओ नहीं दी जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुशर्रफ द्वारा पीएमएल एन के नेता नवाज शरीफ और पीपीपी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी को जारी किये गये एनआरओ से देश बर्बाद हो गया। बाद में दोनों ने एक दूसरे के लिए भी एनआरओ जारी किया।’’ इस अध्यादेश के तहत बड़ी संख्या में नेताओं पर लगे मामले हटा लिये गये थे। पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भ्रष्टाचार के मामलों में अपनी भूमिका के कारण नेशनल एकाउंटबिलीटी ब्यूरो (एनबीए) की हिरासत में हैं।

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