आम चुनाव में धांधली के आरोपों के बीच सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी PTI

Imran Khans PTI close to becoming single largest party but rigging charges persist
[email protected] । Jul 26 2018 7:43PM

पाकिस्तान के आम चुनावों में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के आम चुनावों में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। संसदीय चुनावों के ताजा अनाधिकारिक नतीजों और रुझानों के मुताबिक पीटीआई नेशनल असेंबली की 76 सीटें जीत चुकी है जबकि 43 सीटों पर आगे चल रही है। हालांकि, प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक पार्टियों ने चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगाए हैं।

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने 43 सीटों पर जीत हासिल की है और 20 सीटों पर आगे चल रही है। जबकि पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की अगुवाई वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 18 सीटें जीत ली हैं और 19 सीटों पर आगे चल रही है। किसी एक पार्टी को अपने दम पर सरकार बनाने के लिए सीधे तौर पर निर्वाचित सीटों में से कम से कम 137 सीटों की जरूरत होगी।

जमात-ए-इस्लामी, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल, जमीयत उलेमा-ए-पाकिस्तान और तहरीक-ए-जफरिया जैसी परंपरागत धार्मिक पार्टियों का गठबंधन मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) आठ-आठ सीटों पर आगे चल रहे हैं। कल मतदान के बाद शुरू हुई वोटों की गिनती में परिणाम अनुकूल देखकर पीटीआई समर्थकों ने राजनीतिक तौर पर अहम पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में झंडे लहराकर और पार्टी के नारे लगाकर जश्न मनाया। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पहले नतीजे की आधिकारिक घोषणा सुबह चार बजे की। 

अगले कुछ घंटों में अंतिम परिणाम आने की संभावना है। हालांकि, शुरूआती परिणामों के मुताबिक पीटीआई नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं जिनमें से 272 को आम चुनावों में सीधे तौर पर चुना जाता है जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। आम चुनावों में पांच फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टियां इन आरक्षित सीटों पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अपने प्रतिनिधि भेज सकती हैं।

कुल 172 सीटें पाने वाली पार्टी सरकार बना सकती है। दो प्रमुख पार्टियों-पीएमएल-एन और पीपीपी-ने मतगणना प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि कानूनी प्रावधान होने के बाद भी उनके मतदान एजेंटों को गिने हुए वोट सत्यापित करने की इजाजत नहीं दी गई। भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद अपने भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की गैर- मौजूदगी में पीएमएल-एन की कमान संभाल रहे और पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए गए शाहबाज शरीफ ने चुनावी नतीजों को खारिज करते हुए बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगाए।

शरीफ ने यह तो नहीं कहा कि चुनावों में किसने धांधली की, लेकिन देश की ताकतवर सेना के खिलाफ चुनावों में दखलंदाजी के आरोप लगे हैं। अवामी नेशनल पार्टी, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान, पाक-सरजमीं पार्टी, मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमाल और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान ने भी आरोप लगाया कि मतगणना के समय उनके मतदान एजेंटों को या तो मतदान केंद्रों से बाहर निकाल दिया गया या उन्हें मतदान कर्मियों ने प्रमाणित नतीजे देने से इनकार कर दिया।

शरीफ ने पत्रकारों को बताया कि पीपीपी सहित पांच अन्य पार्टियों ने चुनावों में धांधली के मुद्दे को उठाया है। उनसे विचार - विमर्श करने के बाद मैं भविष्य के कदम का ऐलान करूंगा। पाकिस्तान आज बुरी तरह प्रभावित है। पीएमएल-एन प्रमुख ने आज शाम अन्य पार्टियों के साथ बैठक बुलाई है ताकि इस मुद्दे पर चर्चा करके एक साझा रणनीति बनाई जाए।

उन्होंने कहा कि हम इस नाइंसाफी के खिलाफ लड़ेंगे और सारे विकल्पों का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि जनादेश का घोर उल्लंघन हुआ है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने चुनावों में धांधली के आरोपों को खारिज कर दिया है। आज सुबह असामान्य रूप से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त मुहम्मद रजा खान ने चुनाव प्रक्रिया में भागीदारी के लिए पाकिस्तान की जनता का शुक्रिया अदा किया।

बहरहाल, खान ने माना कि चुनावी नतीजों की घोषणा में देरी से कुछ परेशानी हुई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आयोग की ओर से शुरू की गई ‘रिजल्ट ट्रांसमिशन सिस्टम’ नाम की नई प्रणाली के कारण देरी हुई। संदेहों और आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम खुद को साबित करेंगे कि हमने अपना काम सही तरीके से किया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव निष्पक्ष थे और हमें कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि किसी के पास सबूत है तो हम कार्रवाई करेंगे।

कल चार प्रांतों- पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर- पख्तूनख्वा- में विधानसभा चुनाव भी कराए गए थे। प्रांतीय विधानसभाओं के चुनावों के रुझान के मुताबिक, पीटीआई पंजाब की 120 सीटों पर आगे चल रही है जबकि पीएमएल-एन 119 सीटों पर आगे चल रही है। पंजाब विधानसभा में कुल 299 सीटें हैं। सिंध प्रांत में पीपीपी दो-तिहाई बहुमत हासिल करने की दिशा में बढ़ रही है। सिंध विधानसभा की कुल 131 सीटों में से 113 सीटों के लिए उपलब्ध ताजा रुझानों के मुताबिक पीपीपी 72 सीटों पर आगे चल रही है। 

खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में पीटीआई दो-तिहाई बहुमत की तरफ बढ़ रही है। इसके उम्मीदवार 67 सीटों पर आगे चल रहे हैं। इस प्रांतीय विधानसभा में 99 सीटें हैं। बलूचिस्तान में त्रिशंकु विधानसभा के आसार हैं। बलूचिस्तान अवामी पार्टी 12 सीटों पर आगे है जबकि एमएमए नौ सीटों पर आगे चल रही है। बलूचिस्तान नेशनल पार्टी आठ सीटों पर आगे चल रही है। 

पाकिस्तान के 70 साल के इतिहास में यह चुनाव सत्ता का दूसरा लोकतांत्रिक परिवर्तन है। साल 1947 में पाकिस्तान की आजादी के बाद से अब तक लगभग आधे समय देश में सेना का ही शासन रहा है। गौरतलब है कि मीडिया पर दमनात्मक कार्रवाइयों और चुनाव प्रक्रिया में सेना की दखलंदाजी के आरोपों के बीच पाकिस्तान में आम चुनाव और चार प्रांतों के विधानसभा चुनाव हुए हैं। 

ऐसा माना जा रहा है कि सेना इमरान खान का गुपचुप तरीके से समर्थन कर रही है जबकि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बना रही है। मतदान केंद्रों के बाहर और भीतर सेना तैनात किए जाने को लेकर चुनाव आयोग की भी आलोचना हो रही है। आतंकवादी संगठनों को भी चुनावों में हिस्सा लेने देने को लेकर भी विवाद हुआ है।

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