सैन्य हार्डवेयर के संयुक्त विकास पर वार्ता के लिए तैयार हुए भारत और अमेरिका
भारत और अमेरिका ने विभिन्न सैन्य हार्डवेयर को साथ मिलकर विकसित करने और रक्षा संबंधों को दोनों देशों के बीच स्थायी भागीदारी में तब्दील करने पर आज विस्तार से बातचीत की।
नयी दिल्ली। भारत और अमेरिका ने विभिन्न सैन्य हार्डवेयर को साथ मिलकर विकसित करने और रक्षा संबंधों को दोनों देशों के बीच स्थायी भागीदारी में तब्दील करने पर आज विस्तार से बातचीत की। रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआई) के तहत 7 वीं वार्ता , वाशिंगटन के रूस पर प्रतिबंध लगाने के कारण भारत - अमेरिका संबंधों में तनाव के बीच हुई। रूस पर ये प्रतिबंध नई दिल्ली और मॉस्को के बीच रक्षा सौदों को प्रभावित कर रहे हैं।
भारतीय पक्ष का नेतृत्व सचिव (रक्षा उत्पादन) अजय कुमार ने किया जबकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व खरीद मामलों के लिये अवर रक्षा सचिव एलेन एम लॉर्ड ने किया। अधिकारियों ने बताया कि बैठक रक्षा उपकरणों के सह - उत्पादन और सह - विकास के अवसर पैदा करने पर केंद्रित थी। उन्होंने बताया कि कुमार ने ' मेक इन इंडिया ' पहल के तहत भारतीय रक्षा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला।
भारत की सैन्य आवश्यकताओं के लिए योजनाबद्ध बड़े रक्षा परिव्यय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विदेशी प्रमुख उद्योगों के साथ साझेदारी में घरेलू रक्षा उद्योग के विकास की काफी गुंजाइश है। लॉर्ड ने कहा कि अमेरिका ने भारत को ' प्रमुख रक्षा सहयोगी ' के रूप में नामित किया है और उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध और मजबूत हो जाएंगे।
रक्षा मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा , " उन्होंने यह भी कहा कि डीटीटीआई एक महत्वपूर्ण मंच है जो दोनों देशों के बीच 2 + 2 वार्ता का कारण बनता है। " जून 2016 में अमेरिका ने भारत को " प्रमुख रक्षा सहयोगी " के रूप में नामित किया था। इसके पीछे का इरादा भारत के साथ रक्षा व्यापार और प्रौद्योगिकी साझा किये जाने को अमेरिका के निकटतम सहयोगियों और भागीदारों के स्तर तक बढ़ाने का था।
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