अफगान राजनयिकों को प्रशिक्षण देने के लिए साथ आए भारत, चीन

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[email protected] । Oct 15 2018 5:49PM

अपनी तरह के पहले प्रयास में, भारत और चीन अफगानिस्तान के राजनयिकों के लिए एक संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिये उन्हें मदद पहुंचाने हेतु सोमवार को एकसाथ आए।

नयी दिल्ली। अपनी तरह के पहले प्रयास में, भारत और चीन अफगानिस्तान के राजनयिकों के लिए एक संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिये उन्हें मदद पहुंचाने हेतु सोमवार को एकसाथ आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच वुहान में बनी सहमति के चलते सोमवार को अफगान राजनयिकों के लिए संयुक्त भारत-चीन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। यह कार्यक्रम 26 अक्टूबर तक चलेगा।

दस अफगानी राजनयिकों ने यहां विदेश सेवा संस्थान (एफएसआई) में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। इस कार्यक्रम की शुरूआत में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बयान पढे गये। भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने इस कार्यक्रम की शुरूआत में कहा कि इस तरह का ‘चाइना-इंडिया प्लस’ सहयोग अफगानिस्तान के साथ साथ नेपाल, भूटान, मालदीव, ईरान और म्यामां जैसे अन्य देशों को भी मिलना चाहिए।

विदेश मंत्री सुषमा के बयान को एफएसआई डीन राजदूत जे एस मुकुल ने पढ़कर सुनाया। सुषमा ने कहा कि अफगानिस्तान में संयुक्त सहयोग के बीज प्रधानमंत्री मोदी तथा राष्ट्रपति शी के बीच अप्रैल 2018 में वुहान में हुई बैठक में बोये गये थे। सुषमा के हवाले से कहा गया कि आज, हम देख सकते हैं कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ ये (बीज) प्रस्फुटित हो रहे हैं। यह अफगानिस्तान के लाभ के लिए दीर्घावधि की त्रिपक्षीय साझेदारी की शुरूआत है।

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