कोरिया की तरह भारत-पाक को करनी चाहिए मतभेद सुलझाने की कोशिश
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के संबंधों में आयी नरमी से सीख लेते हुए भारत और पाकिस्तान को भी अपने मतभेद सुलझाने का प्रयास करने की वकालत किया
इस्लमाबाद। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के संबंधों में आयी नरमी से सीख लेते हुए भारत और पाकिस्तान को भी अपने मतभेद सुलझाने का प्रयास करने की वकालत करते हुए पाक मीडिया ने कहा है कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम करने का प्रयास करना चाहिए जो ‘सबसे नेक मकसद’ होगा। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन तथा दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई-इन ने शुक्रवार को एक अंतर-कोरियाई शिखर सम्मेलन के दौरान स्थायी शांति और कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियार मुक्त बनाने पर सहमति जतायी थी।
डान अखबार ने अपने संपादकीय में लिखा है कि दोनों कोरियाई देशों के बीच संबंधों की नयी शुरूआत और दक्षिण एशियाई उपमहाद्वीप में संबंधों में ठहराव के बीच निश्चित तौर पर तुलना की जाएगी। पाकिस्तान और भारत के बीच का तनाव और विवाद दोनो कोरियाई देशों के बीच के मुद्दों से मौलिक रूप से अलग हैं। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान और भारत ने बहुत अलग और अपरिवर्तनीय इतिहास का निर्माण किया है जबकि दोनों कोरियाई देश एकीकरण की तलाश में हैं। फिर भी, भारत और पाकिस्तान की स्थायी संस्कृति, अन्य समानताओं वाले लोगों का साझा इतिहास, आम सपने तथा साझा आकांक्षाएं तथा शांति की तलाश इस क्षेत्र के लिए सबसे नेक मकसद होगा।
संपादकीय में कहा गया है कि कोरियाई शिखर सम्मेलन की अद्भुत कल्पना 1999 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ऐतिहासिक लाहौर यात्रा द्वारा बनाई गई अभूतपूर्व आशा और अपेक्षाओं की याद कराती है। यह समय भारत और पाकिस्तान के नेतृत्व के लिए दोस्ती और शांति के मार्ग पर फिर से चलने का है। हाल के वर्षों में भारत-पाकिस्तान संबंधों में फिर से खटास पैदा हुई है और दोनो देशों के बीच किसी प्रकार की द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो रही है और दोनों पक्ष इसे ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं।
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