भारत और अमेरिका ने की नौवहन की स्वतंत्रता की मांग

India US call for freedom of navigation amid South China Sea disputes
[email protected] । Jun 27 2017 3:59PM

दक्षिण चीन सागर में बढ़ते विवाद के बीच भारत और अमेरिका ने नौवहन की स्वतंत्रता के साथ ही क्षेत्रीय तथा समुद्री विवादों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने की मांग की है।

वाशिंगटन। दक्षिण चीन सागर में बढ़ते विवाद के बीच भारत और अमेरिका ने नौवहन की स्वतंत्रता के साथ ही क्षेत्रीय तथा समुद्री विवादों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में संवाददाताओं से कहा, 'भारत-प्रशांत क्षेत्र में, क्षेत्र में शांति, स्थायित्व और समृद्धि बनाए रखने के लिए, यह हमारी रणनीतिक साझेदारी का दूसरा उद्देश्य है।'

बाद में बैठक के बारे में भारत अमेरिका संयुक्त बयान में कहा गया कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में जिम्मेदार प्रबंधक की भांति ट्रंप और मोदी मानते हैं कि अमेरिका और भारत के बीच निकट साझेदारी क्षेत्र में शांति और स्थायित्व कर केन्द्रित है। बयान में कहा गया, 'इन प्रयासों में हुई प्रगति को स्वीकार करते हुए दोनों नेता अपनी साझेदारी को और मजबूत करने वाले कदम उठाने पर सहमत हुए हैं।' इसमें कहा गया, 'संयुक्त राष्ट्र चार्टर में रेखांकित सिद्धांतों के अनुरूप ही इन्होंने क्षेत्र के लिए साझा सिद्धांतों पर प्रतिबद्धता जताई जिसके अनुसार संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का आदर होना चाहिए और सभी देश समृद्ध हो सकें।'

यह बयान ऐसे वक्त आया है जब चीन दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवाद में फंसा हुआ है। चीन ने अपने कब्जे वाले क्षेत्र में कृत्रिम द्वीप बनाए हैं और उनका सैन्यीकरण किया है। चीन दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है वहीं वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रुनेई और ताइवान भी इस के कुछ भाग पर दावा करते हैं। मोदी और ट्रंप ने सभी देशों से क्षेत्रीय तथा समुद्री विवादों को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने की मांग की है। बयान में कहा गया है कि मोदी और ट्रंप ने अन्य देशों से इन सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह किया है। उन्होंने डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के लगातार उकसावे की कार्रवाई की निंदा की और जोर देकर कहा कि परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के पीछे इसकी दौड़ क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक शांति के लिए खतरा पैदा करती है।

मोदी और ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के जनसंहार हथियार कार्यक्रम के विरोध में मिलकर काम करने का संकल्प लिया। ट्रंप ने उत्तर कोरिया के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने में अमेरिका का साथ देने के लिए भारत का शुक्रिया भी अदा किया। उन्होंने कहा, 'उत्तर कोरियाई शासन बेहद समस्या पैदा कर रहा है और यह ऐसा है जिससे त्वरित गति से निपटा जाना चाहिए और निपटा गया भी है।'

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