करतारपुर समिति में खालिस्तानी अलगाववादियों को शामिल करने पर भारत चिंतित
यह भारत को अस्वीकार्य है। पाकिस्तान मंत्रिमंडल ने करतारपुर गलियारे को खोलने के बाद सिख श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दस सदस्यीय पाकिस्तान सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) का गठन किया है।
नयी दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को यहां पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब किया और करतारपुर गलियारा परियोजना के लिए पाकिस्तान द्वारा गठित समिति में कई बड़े खालिस्तानी अलगाववादियों की मौजूदगी पर चिंता व्यक्त की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भारत पाकिस्तान के प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा करेगा और करतारपुर गलियारे पर पाकिस्तान के हिस्से वाले वाघा में दो अप्रैल को प्रस्तावित बैठक की दिशा में आगे नहीं बढ़ेगा। सूत्रों ने बताया कि एक राजनयिक संप्रेषण में, भारत ने बैठक के लिए 15 अप्रैल या 16 अप्रैल का प्रस्ताव रखा है और इन तारीखों पर पाकिस्तान से सहमति चाही है। सूत्रों ने बताया कि भारत ने पाकिस्तान से कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण देने की मांग की है।
इसमें करतारपुर समिति में खालिस्तानी अलगाववादी चावला की मौजूदगी के अतिरिक्त भारत विरोधी तत्वों जैसे बिसन सिंह, कुलजीत सिंह और मनिंदर सिंह के होने की बात शामिल है। उन्होंने कहा कि चावला, आतंकवादी हाफिज सईद का निकट सहयोगी है और इसे इस समिति में रखा गया है। यह भारत को अस्वीकार्य है। पाकिस्तान मंत्रिमंडल ने करतारपुर गलियारे को खोलने के बाद सिख श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दस सदस्यीय पाकिस्तान सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) का गठन किया है।
सूत्रों ने बताया कि भारत ने पाकिस्तानी के उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह से यह भी कहा कि वह करतारपुर साहिब गलियारे पर तौर तरीकों के बारे में चर्चा के लिए अटारी में हुई पिछली बैठक में नयी दिल्ली द्वारा पेश किए गए अहम प्रस्तावों पर अपने देश का रुख स्पष्ट करें। बयान में कहा गया है कि गलियारे के लिए ढांचागत विकास को तेज गति से आगे बढ़ाने के लिए भारत ने मध्य-अप्रैल में तकनीकी विशेषज्ञों की एक और बैठक करने का प्रस्ताव रखा है ताकि ‘‘जीरो प्वाइंट’’ पर शेष मामलों को सुलझाया जा सके।
इसे भी पढ़ें: करतारपुर कॉरिडोर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान ने की तकनीकी वार्ता
#BREAKING India has conveyed concerns over Pakistan appointing Khalistani separatists to a panel on Kartarpur corridor: sources.
— DT Next (@dt_next) March 29, 2019
इसमें कहा गया है कि भारत सरकार गलियारे के माध्यम से सुरक्षित एवं आसान तरीके से गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन करने की भारतीय तीर्थयात्रियों की पुरानी मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि यदि तीर्थयात्री इच्छुक हों, तो वह उन्हें पैदल यात्रा करने की अनुमति दे। उसने यह भी अनुरोध किया कि वैशाखी और गुरुपर्व जैसे उत्सवों पर अन्य 10,000 तीर्थयात्रियों को जाने की अनुमति दी जाए। भारत और पाकिस्तान पिछले साल नवंबर में करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ने के लिए गलियारा बनाने को सहमत हुए थे। सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव ने करतारपुर में अंतिम समय बिताया था। करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है। रावी नदी के दूसरी ओर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से दूरी करीब चार किलोमीटर है।
अन्य न्यूज़