भारत कभी अमेरिका पर निर्भरता का रिश्ता नहीं चाहेगा: विशेषज्ञ

India would never want a relationship of dependence on US: Expert tells Congressmen
[email protected] । May 24 2018 1:57PM

अमेरिका के एक थिंक टैंक विशेषज्ञ ने सांसदों को बताया कि भारत कभी भी निर्भरता का रिश्ता नहीं चाहेगा, जिसमें अमेरिका को ही सारे दायित्वों का भार वहन करना पड़े, जैसा कि अन्य सहयोगियों की स्थिति में करना पड़ता है।

 वाशिंगटन। अमेरिका के एक थिंक टैंक विशेषज्ञ ने सांसदों को बताया कि भारत कभी भी निर्भरता का रिश्ता नहीं चाहेगा, जिसमें अमेरिका को ही सारे दायित्वों का भार वहन करना पड़े, जैसा कि अन्य सहयोगियों की स्थिति में करना पड़ता है। उन्होंने यह माना कि भारत अमेरिका के पारंपरिक सहयोगियों से अलग है। हडसन इंस्टीट्यूट में शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक ‘इनिशिएटिव ऑन द फ्यूचर ऑफ इंडिया एंड साउथ एशिया’ की निदेशक अपर्णा पांडे ने अमेरिकी कांग्रेस की एक बैठक के दौरान सांसदों को बताया, ‘‘भारत कभी भी निर्भरता का संबंध नहीं चाहेगा या ना ही ऐसा संबंध जिसमें सभी दायित्वों का भार अमेरिका को ही उठाना पड़े।’’ ‘एशियाज डिप्लोमेटिक एंड सिक्योरिटी स्ट्रक्चर: प्लानिंग यूएस एंगेजमेंट’ विषय पर चल रही बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था एवं भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा संबंध तथा हित अमेरिका के साथ उसकी प्रगाढ़ सहभागिता पर आधारित है। बैठक का आयोजन हाउस कमेटी ऑन फॉरेन अफेयर्स की एशिया प्रशांत मामलों की उपसमिति ने किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत अमेरिका के पारंपरिक सहयोगियों से अलग है चाहे वह यूरोप, लातिन अमेरिका या एशिया में अमेरिका के सहयोगी हों, जिनके लिये अमेरिका अहम सुरक्षा प्रदाता रहा है।’’ उन्होंने कहा कि भारत अपनी खुद की सुरक्षा क्षमताओं को बनाये रखना चाहता है और वह अमेरिकी करदाताओं पर कभी ‘‘बोझ’’ नहीं बनना चाहता। अपर्णा ने कहा, ‘‘भारत ऐसा संबंध चाहता है जो भारत के संसाधनों एवं क्षमताओं के निर्माण में मदद करे ताकि भारत भारत-प्रशांत में बड़ी भूमिका निभा सके।’’

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