भारतीय उच्चायोग ने श्रीलंका के नेताओं के भारत भागने की खबरों को खारिज किया

India
Google Creative Commons.

श्रीलंका में तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा, देश में गंभीर आर्थिक संकट पर उन्हें हटाने की मांग कर रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद सोमवार को हिंसा भड़क गई थी, जिसमें आठ लोगों की जान गई।

कोलंबो| श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को मीडिया और सोशल मीडिया में आई उन खबरों को फर्जी और बिल्कुल गलत करार दिया, जिसमें श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार के सदस्यों के भारत भाग जाने की अटकलें लगायी गई हैं। भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट में यह बात कही।

ट्वीट में कहा गया, उच्चायोग ने हाल में सोशल मीडिया और मीडिया के कुछ हिस्सों में फैलायी जा जारी अफवाह का संज्ञान लिया है कि कुछ राजनीतिक व्यक्ति और उनके परिवार भारत भाग गए हैं। इसने कहा, ये फर्जी और बिल्कुल झूठी रिपोर्ट हैं, जिनमें कोई सच्चाई नहीं है। उच्चायोग इनका पुरजोर खंडन करता है।

श्रीलंका में तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा, देश में गंभीर आर्थिक संकट पर उन्हें हटाने की मांग कर रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद सोमवार को हिंसा भड़क गई थी, जिसमें आठ लोगों की जान गई। वहीं, कोलंबो और अन्य शहरों में हुई हिंसा में 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। देश में आर्थिक संकट के बीच सोमवार को महिंदा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

इस घटनाक्रम से कुछ घंटे पहले महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के बाद राजधानी कोलंबो में सेना के जवानों को तैनात किया गया और राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लगा दिया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़