ब्रिटेन ने भारतीय सहित हजारों कुशल कामगारों को वीजा देने से किया मना
भारत के इंजीनियर, आईटी पेशेवर, डॉक्टर और शिक्षक समेत 6080 कुशल कामगारों को दिसंबर 2017 के बाद ब्रिटेन में वीजा देने से इंकार कर दिया गया।
लंदन। भारत के इंजीनियर, आईटी पेशेवर, डॉक्टर और शिक्षक समेत 6080 कुशल कामगारों को दिसंबर 2017 के बाद ब्रिटेन में वीजा देने से इंकार कर दिया गया। यह आंकड़ा आज जारी किया गया। इनसे संकेत मिलता है कि देश में वार्षिक रूप से वीजा की संख्या सीमित किये जाने से सबसे ज्यादा भारतीय प्रभावित हुए हैं। कैंपेन फोर साइंस एंड इंजीनियरिंग (सीएएसई) को सूचना की आजादी (एफओआई) के जरिए ब्रिटेन के गृह विभाग से यह आंकड़ा मिला है।
इसके जरिए ब्रिटेन की कंपनियों में यूरोपीय संघ के बाहर के कुशल पेशेवरों को लाए जाने पर सरकार की ओर से लगायी गयी वार्षिक सीमा के कारण पैदा हुई समस्या को रेखांकित किया गया है। ब्रिटेन के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) के नवीनतम आंकड़े के मुताबिक यूरोपीय संघ के बाहर कुशल कामगारों के लिए सबसे ज्यादा (57 प्रतिशत ) वीजा भारतीयों को दिया गया। इससे पता चलता है कि सबसे ज्यादा चोट भारतीय कुशल कामगारों को ही पहुंची है।
सीएएसई की उप निदेशक नओमी वीर ने कहा, ‘विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी को प्रतिभाओं और सीमा पार भारत-ब्रिटेन की भागीदारी से फायदा मिला है। गृह विभाग से हमें जो आंकड़ा मिला है उससे पता चलता है कि हमारी आव्रजन व्यवस्था वर्तमान में इस लक्ष्य को नुकसान पहुंचा रही है।’ उन्होंने कहा, ‘हम सरकार से तुरंत बदलाव का आह्वान करते हैं ताकि नियोक्ताओं को उनकी जरूरत के मुताबिक प्रतिभाओं तक पहुंच बन सके और दीर्घावधि में सुनिश्चित हो कि ब्रिटेन की आव्रजन व्यवस्था विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की प्रतिभा के स्वागत के लक्ष्यों के लिए खुली रहे।’
हालांकि, यह नहीं पता कि दिसंबर 2017 और मार्च 2018 के बीच टीयर दो श्रेणी के तहत वीजा देने से मना किये गए 6080 कुशल कामगारों में कितने किस देश के थे। आंकड़ों से पता चलता है कि आधे से ज्यादा (3500) इंजीनियरिंग, आईटी, प्रौद्योगिकी, शिक्षण और चिकित्सा क्षेत्र की प्रतिभाएं थी।
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