इंडोनेशिया में भूकंप से 142 लोगों की मौत के बाद पर्यटन स्थल खाली कराए गए

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[email protected] । Aug 6 2018 5:07PM

इंडोनेशिया के लोम्बोक द्वीप में आए तेज भूकंप में मरने वालों की संख्या 91 पर पहुंच गई है। भूकंप में हजारों इमारतों के जमींदोज होने के बाद लोकप्रिय पर्टयन स्थल......

माताराम (इंडोनेशिया)  इंडोनेशिया के लोम्बोक द्वीप में आए तेज भूकंप में मरने वालों की संख्या 142  पर पहुंच गई है। भूकंप में हजारों इमारतों के जमींदोज होने के बाद लोकप्रिय पर्टयन स्थल के प्रसिद्ध होटलों और रिजॉर्ट में ठहरे सैकड़ों पर्यटकों से जगह खाली कराई गई और वहां बचावकर्मियों को भेजा गया। भूकंप के बाद पर्यटकों और स्थानीय लोगों में दहशत है।

इससे एक हफ्ते पहले भी लोम्बोक में घातक भूकंप आया था जिसमें कम से कम 17 लोगों की जान चली गई थी। बचावकर्मी रविवार शाम को आए 6.9 तीव्रता के इस भूकंप में बर्बाद हुए घरों, स्कूलों और मस्जिदों के मलबे में दबे जीवित लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं। इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुरवो नुग्रोहो ने बताया, “142 लोगों की मौत हो गई, 209 गंभीर रूप से घायल हैं।”

उन्होंने कहा, “चुनौतियां बहुत हैं : सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, तीन पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं, कुछ स्थानों पर पहुंचना बहुत मुश्किल है और हमारे पास पर्याप्त कर्मी नहीं हैं।’’लोम्बोक के उत्तरपश्चिमी तट से कुछ किलोमीटर दूर तीन छोटे द्वीपों के समूह गिली द्वीप से कुछ 1,200 पर्यटकों को बाहर निकालने के लिए आज शुरू किया गया एक अभियान अब भी जारी है।

स्थानीय आपदा अधिकारियों ने बताया कि अब तक 358 पर्यटकों को बाहर निकाल लिया गया है। गिली द्वीपों पर कम से कम एक पर्यटक की मौत हो गई जबकि निकटवर्ती बाली में एक अन्य पर्यटक मारा गया। इस भीषण भूकंप से पर्यटकों सहित स्थानीय लोग भी घबरा गए और अफरा-तफरी मच गई।

पड़ोसी द्वीप बाली में भी इसके झटके महसूस किए गए। भूकंप के बाद भी कई झटके महसूस किए गए जिनमें से सबसे शक्तिशाली भूकंप की तीव्रता 5.3 थी। नुग्रोहो ने बताया कि करीब 20,000 लोगों को लोम्बोक में उनके घरों से बाहर निकाला गया और उन्होंने कहा कि यहां भोजन, पराचिकित्सकों और दवाईयों की बहुत ज्यादा जरूरत है।

नुग्रोहो ने कहा, ‘‘कई घायलों का इलाज अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के बाहर चल रहा है क्योंकि इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।’’माताराम अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा, “हमें अभी पराचिकित्सकों की सबसे ज्यादा जरूरत है, हमारे पास स्टाफ की कमी है, हमें दवाईयों की भी जरूरत है।”उत्तरी लोम्बोक जिले के प्रमुख नजमुल अख्यार के अनुमान के अनुसार क्षेत्र का करीब 80 प्रतिशत हिस्सा बर्बाद हो गया है।

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