श्रीलंका चुनाव पर अंतरराष्ट्रीय चिंता बेबुनियाद: मंत्री
श्रीलंका के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा है कि संसद को भंग करने और जनवरी में मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा संबंधी राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के कदम की कानूनी वैधता पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा प्रकट की गयी
कोलंबो। श्रीलंका के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा है कि संसद को भंग करने और जनवरी में मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा संबंधी राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के कदम की कानूनी वैधता पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा प्रकट की गयी चिंता बेबुनियाद है। सिरिसेना द्वारा संसद भंग करने और पांच जनवरी को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा के साथ ही देश में राजनीतिक संकट शुक्रवार को गहरा गया। दरअसल जब यह स्पष्ट हो गया कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के लिए सदन में उनके पास पर्याप्त समर्थन नहीं है तब सिरिसेना ने यह कदम उठाया। उन्होंने ही राजपक्षे को विवादास्पद स्थितियों में प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। परिवहन एवं नागर विमानन मंत्री नीमल श्रीपाला डिसिल्वा ने कहा, ‘‘पूर्व प्रधान न्यायाधीशों से कानूनी सलाह और राय लेने के बाद ही यह निर्णय लिया गया...हमने लोगों को निर्णय लेने की छूट दी है, अतएव इसमें कुछ भी गलत नहीं है।’’
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस, यूरोपीय संघ और अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया और नार्वे समेत कई देशों ने सिरिसेना के कदम पर चिंता प्रकट की थी। सिरिसेना द्वारा 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को हटाने और उनकी जगह राजपक्षे को नियुक्त करने तथा संसद को निलंबित करने के बाद श्रीलंका एक बड़े संवैधानिक संकट से गुजर रहा है।
अन्य न्यूज़