ईरान के नये राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र में अपने पहले भाषण में अमेरिका पर साधा निशाना

Ebrahim Raisi

ईरान के नये राष्ट्रपति ने पद संभालने के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र में भाषण देते हुए अपने देश पर युद्ध के एक तंत्र के रूप में लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों पर निशाना साधा।

दुबई। ईरान के नये राष्ट्रपति ने पद संभालने के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र में भाषण देते हुए अपने देश पर युद्ध के एक तंत्र के रूप में लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों पर निशाना साधा। उन्होंने इस मंच का इस्तेमाल क्षेत्र में वाशिंगटन की नीतियों और अमेरिका के भीतर बढ़ती राजनीतिक फूट को दृढ़तता से सामने रखने के लिए किया। राष्ट्रपति इब्राहिम राइसी ने अपने उदारवादी पूर्ववर्ती हसन रूहानी के संयुक्त राष्ट्र महासभा में पूर्व में दिए गए भाषणों की तुलना में अमेरिकी विदेश नीति पर अधिक आलोचनात्मक एवं तीखा रुख अपनाया।

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पिछले महीने चुनाव के बाद शपथ लेने वाले राइसी एक रूढ़िवादी मौलवी और पूर्व न्यायपालिका प्रमुख हैं जिन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी के रूप में देखा जाता है। उनके भाषण में शिया-नेतृत्व वाला राष्ट्र सख्त अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद दुनिया में अपनी जगह कहां पर देखता है, इसकी झलक दिखायी देती है। इन प्रतिबंधों ने देश की अर्थव्यवस्था और आम ईरानी नागरिकों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

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राइसी ने कहा, “प्रतिबंध दुनिया के देशों के साथ अमेरिका के युद्ध का नया तरीका है।” साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान ऐसी आर्थिक सजा “मानवता के खिलाफ अपराध” के समान है। अमेरिकी प्रतिबंधों में भले ही मानवीय सहायता की रियायत दी गई हो लेकिन इसने दवाओं और उपकरणों की अंतरराष्ट्रीय खरीद को मुश्किल बना दिया। ईरान में कोरोना वायरस संक्रमण की कई लहरें आईं जिनमें करीब 1,18,000 लोगों की मौत हुई जो क्षेत्र में सर्वाधिक है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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