ईरान ने वीडियो जारी कर दावा किया कि दो फ्रांसीसी नागरिक जासूसी कर रहे थे

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ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी आईआरएनए की ओर से जारी वीडियो में जैक्स पेरिस और सेसिल कोहलर को दिखाया गया है, जो फ्रांस के ‘नेशनल फेडरेशन ऑफ एजुकेशन, कल्चर एंड वोकेशनल ट्रेनिंग’ से जुड़े हैं।

ईरान ने बृहस्पतिवार को वीडियो जारी किया जिसमें दिखाया गया है कि हिरासत में लिये गये दो फ्रांसीसी नगारिक कथित तौर पर जासूसी करने की बात कबूल कर रहे हैं। ईरानी नेता यह दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन का कारण ईरान पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महिला की मौत के कारण उपजा व्यापक जन आक्रोश नहीं है, बल्कि यह विदेशी साजिश है।

ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी आईआरएनए की ओर से जारी वीडियो में जैक्स पेरिस और सेसिल कोहलर को दिखाया गया है, जो फ्रांस के ‘नेशनल फेडरेशन ऑफ एजुकेशन, कल्चर एंड वोकेशनल ट्रेनिंग’ से जुड़े हैं। फ्रांस की सरकार ने इस आरोप के जवाब में तीखी फटकार लगाई है और हिरासत में लिये गये फ्रांसीसी नगारिकों की दुर्दशा को ‘राज्य बंधक’ के रूप में वर्णित किया। ईरान लंबे समय से हिरासत में लिए गये पश्चिमी नागिरकों को बाततचीत के दौरान ‘सौदेबाजी चिप्स’ के रूप में इस्तेमाल करता रहा है।

ईरान ने इसके पहले जासूसी के आरोप को लेकर कोई सार्वजनिक साक्ष्य नहीं दिया था। फ्रांस के विदेश मंत्री कैथरिन कोलोन्ना ने कहा, ‘‘ वीडियो में हिरासत में लिये गये फ्रांसीसी नगारिकों की जबरन ली गई कथित स्वीकारोक्ति अपमानजनक है।’’ वर्ष 2020 में एक रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार ने पिछले दशक के दौरान कम से कम 355 लोगों की जबरन स्वीकारोक्ति को प्रसारित किया। इस वीडियो क्लिप में कोहलर को सिर पर स्कार्फ पहने दिखाया गया है जिसमें वह खुद को फ्रांस की विदेशी सुरक्षा सेवा की एक खुफिया एजेंट बता रही है। इस तरह पेरिस को कथित तौर पर यह कहते दिखा गया है कि, ‘‘ फ्रांसीसी विदेशी सुरक्षा सेवा में हमारा लक्ष्य ईरान सरकार पर दबाव बनाना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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