'राम' तय करेंगे इजरायल में किसकी बनेगी सरकार, नेतन्याहू को फिर से मिलेगी सत्ता?
ऐसा पहली बार हुआ है जब इजरायल के चुनाव में फिलिस्तीन और अरब देशों के साथ अच्छे रिश्ते रखने के समर्थक राम पार्टी को 4 सीटें मिलती दिख रही हैं। राम के मंसूर अब्बास ने अब तक किसी भी खेमे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर नहीं की है।
सत्ता की अट्टालिका पर बैठने की हसरत ने बेंजामिन नेतन्याहू को एक ऐसी पार्टी के समर्थन के लिए मजबूर कर दिया जिसका नाम है राम। 120 सीटों वाली इजरायल की संसद में नेतन्याहू की पार्टी के बहुमत से दूर रहने के आसार हैं। बहुमत के लिए उन्हें 61 सदस्यों के आंकड़ों की जरूरत है। बीते दिनों एग्जिट पोल्स के आधार पर विश्वेषकों ने नेतन्याहू के नेतृत्व वाले गठबंधन की वापसी का पूर्वानुमान किया था। केंद्रीय चुनाव समिति ने कहा कि उसने मंगलवार के वोट से लगभग 99 प्रतिशत मतपत्रों की गिनती की थी, जिसके परिणाम में नेतन्याहू की पार्टी लिकुड और उसके सहयोगी दलों को 59 सीटें मिलती हुई दिख रही है। इस चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिए नेतन्याहू को 61 सीटों की जरूरत है। इजरायल में एक राजनीतिक पार्टी है यूनाइटेड अरब लिस्ट इसे इसे हिब्रू में राम कहा जाता है। इजरायल में हुए चुनाव में फिर किसी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है।
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किंगमेकर बनी राम
ऐसा पहली बार हुआ है जब इजरायल के चुनाव में फिलिस्तीन और अरब देशों के साथ अच्छे रिश्ते रखने के समर्थक राम पार्टी को 4 सीटें मिलती दिख रही हैं। राम के मंसूर अब्बास ने अब तक किसी भी खेमे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर नहीं की है। विभिन्न दलों के बीच गहरे विभाजन के कारण किसी भी खेमे के लिये बहुमत हासिल करना मुश्किल होगा। अरब दल कभी भी सरकारी गठबंधन में शामिल नहीं हुए हैं जबकि राष्ट्रवादी दलों के लिये ऐसा गठबंधन अभिशाप है।
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