जापान ने छह साल पहले हुए सुनामी, परमाणु हादसे को याद किया
जापान ने उत्तरपूर्वी तट पर आए भूकंप, सुनामी एवं उससे हुए परमाणु हादसे की छठी बरसी पर आज पीड़ितों को याद किया। हादसे के बाद से 1,00,000 से अधिक लोग अपने घर लौटने में अक्षम हैं।
तोक्यो। जापान ने अपने उत्तरपूर्वी तट पर आए भूकंप, सुनामी एवं उससे हुए परमाणु हादसे की छठी बरसी पर आज पीड़ितों को याद किया। हादसे के बाद से 1,00,000 से अधिक लोग अपने घर लौटने में अक्षम हैं या वापस लौटना नहीं चाहते। 11 मार्च, 2011 को प्रशांत महासागर में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था जिसके बाद आयी सुनामी से करीब 18,500 मारे गए या लापता हो गए। फुकुशिमा दाइची विद्युत संयंत्र में पानी घुसने से शीतलन प्रणाली प्रभावित हुई जिससे उसके छह में से तीन रियेक्टर तबाह हो गए और यह 1986 में हुए चर्नोबिल हादसे के बाद से सबसे बुरा परमाणु हादसा था।
भूकंप और सुनामी से बहुत सारे घर क्षतिग्रस्त हो गए जबकि एक बड़ा क्षेत्र विकिरण की चपेट में आ गया जिसके बाद 4,50,000 लोगों को बाहर सुरक्षित जगहों पर ले जाया गया। 1,23,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए जिनमें से ज्यादातर भीषण विकिरण के कारण फुकुशिमा से हुए। दोपहर दो बजकर 46 मिनट पर (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह पांच बजकर 46 मिनट) तोक्यो में एक राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शिंजो अबे और अन्य प्रतिभागियों ने सिर झुकाकर मूक प्रार्थना की। साथ ही प्रभावित क्षेत्र में भी बहुत सारे लोगों ने ऐसा किया। छह साल पहले इसी समय भूकंप आया था। अबे ने उपस्थित लोगों की सभा में कहा कि आपदा से ‘‘अभूतपूर्व क्षति हुई’’ और ‘‘बहुत सारी कीमती जानें गयीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उन लोगों से गहरी सहानुभूति है जिन्होंने अपने प्रियजनों एवं दोस्तों को खोया।’’ इस दौरान राजकुमार अकिशिनो और उनकी पत्नी राजकुमारी किको भी मौजूद थे।
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