गूगल ने डूडल बनाकर ग्रीन टी की शोधकर्ता को किया सम्मानित, जानें उनके बारे में सबकुछ
17 सितंबर 1888 को जापान के ओकेगाबा में जन्मी सूजीमुरा एक वैज्ञानिक शोधकर्ता हैं। जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक महिला हाई स्कूल में साइंस पढ़ाने से शुरू की थी।
17 सितंबर 1888 को जापान के ओकेगाबा में जन्मी सूजीमुरा एक वैज्ञानिक शोधकर्ता हैं। जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक महिला हाई स्कूल में साइंस पढ़ाने से शुरू की थी। 1920 में उन्होंने होक्काइडो इंपीरियल यूनिवर्सिटी में एक लैब असिस्टेंट के रूप में काम किया ।
इस यूनिवर्सिटी में एक अवैतनिक असिस्टेंट के तौर पर काम करते हुए उन्होंने रेशम के कीड़ों के पोषण मूल्य पर शोध किया। फिर 1922 में पर उनका ट्रांसफर टोक्यो इंपीरियल यूनिवर्सिटी में हो जाने के बाद ,वहां उन्होंने ग्रीन टी की बायोकेमिस्ट्री पर रिसर्च की।
2 साल बाद उन्होंने अपने सहयोगी सीतारों मीउरा के साथ ग्रीन टी में विटामिन C की खोज की। जिससे नॉर्थ अमेरिका में ग्रीन टी के एक्सपोर्ट में वृद्धि हुई और उसके 5 साल बाद उन्होंने ग्रीन टी में कड़वा स्वाद लाने वाले केटेचीन को खोज निकाला और अलग किया।
उसके 1 साल बाद तक वह ग्रीन टी से क्रिस्टल के रूप में टनिंन निकालने लगी। ग्रीन टी पर उनकी रिसर्च ने उन्हें 1932 में टोक्यो इंपीरियल यूनिवर्सिटी से एग्रीकल्चर में डॉक्टरेट की उपाधि दिलवाई और उनके रिसर्च के लिए 1956 में उनको कृषि विज्ञान के जापान पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उसके बाद भी उन्होंने स्कूलों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाना जारी रखा।
1969 में 81 वर्ष की उम्र में इनका निधन हो गया और आज 17 सितंबर के डूडल में उन्हें अपनी लेबोरेटरी में ग्रीन टी पर सर्च करते हुए दिखाया गया है। उनके ग्रीन टी पर अभूतपूर्व रिसर्च ने उन्हें जापान की पहली एग्रीकल्चर डायरेक्टरेट पाने वाली महिला बना दिया। उनकी उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए आज गूगल ने उनके 133 वें जन्मदिन पर अपना डूडल उन्हें समर्पित किया है।
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