कोरियाई देशों ने शिखर बैठक में परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर जताई प्रतिबद्धता
उत्तर और दक्षिण कोरियाई नेताओं ने आज ऐतिहासिक शिखर बैठक के बाद विभाजित प्रायद्वीप में स्थायी शांति और पूर्ण निरस्त्रीकरण की दिशा में आगे बढ़ने का इरादा व्यक्त किया।
गोयांग (दक्षिण कोरिया)। उत्तर और दक्षिण कोरियाई नेताओं ने आज ऐतिहासिक शिखर बैठक के बाद विभाजित प्रायद्वीप में स्थायी शांति और पूर्ण निरस्त्रीकरण की दिशा में आगे बढ़ने का इरादा व्यक्त किया। दोनों देशों को विभाजित करने वाली सैन्य विभाजक रेखा पर प्रतीकात्मक रूप से हाथ मिलाने के साथ ही खुशमिजाजी दिखाते हुये दोनों नेताओं ने ‘‘ पूर्ण निरस्त्रीकरण , परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप के साझा लक्ष्य को हासिल करने ’’ की दिशा में एक घोषणा-पत्र भी जारी किया।
दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते वक्त दोनों नेताओं ने एक दूसरे को बाहों में भर लिया। दुनिया भर की मीडिया के सामने दोनों नेताओं ने शिखर वार्ता के समापन पर मुस्कुराहट के साथ अपनी दोस्ती का प्रदर्शन किया। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग - उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई - इन ने इस बात पर भी सहमति जताई कि वे कोरियाई युद्ध के स्थायी समाधान की दिशा में इस साल प्रयास करेंगे और इसके सैन्य हल के बजाए शांतिपूर्ण संधि से इसे खत्म करने की दिशा में पहल की जाएगी।
दोनों नेताओं ने कहा कि पतझड़ के मौसम में मून प्योंगयोंग का दौरा करेंगे। दोनों नेताओं ने ‘‘नियमित बैठकों और सीधे फोन वार्ता’’ करने पर भी सहमति जताई। इस तथाकथित पनमुंजोम घोषणा ने इस दिन को ऐतिहासिक बना दिया क्योंकि महज कुछ महीनों पहले तक इस पर कोई सोच भी नहीं सकता था जब उत्तर कोरिया लगातार मिसाइलों का परीक्षण कर रहा था और उसने अपना छठा परमाणु परीक्षण किया था।
किम ने दक्षिण कोरिया की जमीन पर कदम रखते हुए कहा , वह ‘‘बहुत भावुक’’ हो रहे हैं। कोरिया युद्ध के करीब 65 वर्ष बाद दक्षिण कोरिया की भूमि पर कदम रखने वाले किम पहले उत्तर कोरियाई शासक हैं। शिखर सम्मेलन के लिए पनमुंजम के युद्धविराम संधि के अधीन आने वाले गांव के दक्षिणी किनारे पर स्थित ‘ पीस हाउस बिल्डिंग ’ में दाखिल होने से पहले किम के आमंत्रण पर दोनों नेता एक साथ उत्तर कोरिया में दाखिल हुए। किम ने बैठक की शुरूआत होने के बाद मून से कहा , ‘‘ मैं यहां एक नए इतिहास का प्रारंभिक संदेश देने के दृढ़ संकल्प के साथ आया हूं।’’
शिखर वार्ता के बाद उन्होंने कहा कि दोनों कोरिया यह सुनिश्चित करेंगे कि वह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण इतिहास को नहीं दोहराएंगे।’’ पूर्व में दोनों कोरिया के बीच वर्ष 2000 और 2007 में प्योंगयोंग में शिखर सम्मेलन हुआ था और इसका समापन भी ऐसे ही सोहार्द्रपूर्ण रूप से हुआ था लेकिन इस दौरान हुये समझौतों का नतीजा सिफर रहा। उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार इस बातचीत के एजेंडे में प्रमुख थे और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने कहा कि परमाणु और मिसाइल परीक्षण पर पाबंदी की उत्तर कोरिया की घोषणा ‘‘बेहद महत्वपूर्ण’’ है। उत्तर कोरिया ने पिछले साल छठा परमाणु परीक्षण किया था और अमेरिका तक मार करने में सक्षम मिसाइल का भी परीक्षण किया था।
इसके बाद किम और ट्रंप के बीच वाकयुद्ध भी शुरू हो गया था। किम और ट्रंप के बीच यह विवाद दक्षिण कोरिया में हुए शीतकालीन ओलंपिक के बाद उस समय थमा, जब मून ने उत्तर कोरिया की ओर से वार्ता का निमंत्रण अमेरिका तक पहुंचाया। सुबह बातचीत के बाद मून के प्रवक्ता योन योंग - चान ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच ‘‘ परमाणु निरस्त्रीकरण और कोरियाई प्रायद्वीप में स्थायी शांति स्थापित करने के मुद्दे पर वार्ता हुई।’’
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