फेसबुक की बढ़ी मुश्किलें, नफरती संदेशों के चलते कई कम्पनियों ने विज्ञापन पर लगाई रोक

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सोशल मीडिया में नफरती संदेश फैलाने का आरोप लगाते हुए करीब 90 कम्पनियों ने ऐसे किसी भी प्लेटफार्म पर विज्ञापन देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद सबसे ज्यादा नुकसान फेसबुक को हुआ।

नयी दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक की मौजूदा पॉलिसी को लेकर विवाद छिड़ गया है। जिसके बाद अब फेसबुक ने खुद की पॉलिसी को सुधारने का काम शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोशल मीडिया में नफरती संदेश फैलाने का आरोप लगाते हुए करीब 90 कम्पनियों ने ऐसे किसी भी प्लेटफार्म पर विज्ञापन देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद सबसे ज्यादा नुकसान फेसबुक को हुआ।

बढ़ते नुकसान को देखते हुए फेसबुक ने विज्ञापन देने वाली कम्पनियों की चिन्ताओं को दूर करने का निर्णय लिया और काम में जुट गई। दरअसल, यह मामला उस वक्त गर्माया जब ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट को भ्रामक बताया लेकिन फेसबुक में तो बिनी किसी रोक टोक के शेयर किया गया। यहां तक कि फेसबुक ने फैक्ट चेक भी नहीं किया था। 

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इस मामले के बाद से फेसबुक के खिलाफ कैंपेन तेज हो गया। आरोप है कि फेसबुक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भ्रामक जानकारी परोसता है। ऐसे में कई बड़ी दिग्गज कम्पनियों ने फेसबुक को विज्ञापन देना बंद कर दिया।

क्या है पूरा मामला ?

अमेरिका में एक अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से कैंपेन शुरू हो गए। दरअसल, मिनियापोलिस में एक श्वेत पुलिस वाले ने जॉर्ज फ्लॉयड की गर्दन को घुटने से दबाया हुआ था जिसके चलते जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हो गई। इस मामले का वीडियो सामने आने के बाद जगह-जगह पर ब्लैक लिव्स मैटर नाम से कैंपेन शुरू हो गया। इस प्रदर्शनों में श्वेत लोगों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। चमड़ी के रंग और नस्ल को लेकर भेदभाव करने वाले सामानों में भी बदलाव किया गया। ठीक इसी क्रम में फेसबुक को भी आड़े हाथों लिया गया। 

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फेसबुक पर हिंसा फैलाने वाले कंटेंट और बेवसाइटों पर कार्रवाई नहीं करने और उन्हें बढ़ावा देने का आरोप लगा। जिसके बाद कई संगठनों ने मिलकर स्टॉप हेट फॉर प्रॉफिट (#StopHateForProfite) नाम कैंपेन शुरू किया और कम्पनियों से फेसबुक को विज्ञापन देने से मना किया। ताकि फेसबुक अपनी पॉलिसी के बारे में विचार करे और जल्द-से-जल्द जरूरी बदलाव हों।

जकरबर्ग ने क्या कुछ कहा ?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के एक ट्वीट मामले में फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने कहा कि लोगों को नेताओं के जस के तस बयान सुनने का अधिकार है। बता दें कि अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड मामले में ट्रंप के आपत्तिजनक पोस्ट पर भी फेसबुक ने कोई एक्शन नहीं लिया था। ऐसे में कई कम्पनियों ने फेसबुक को विज्ञापन देना बंद कर दिया है। जिसकी वजह से फेसबुक के शेयर में आठ फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि फेसबुक ने बयान जारी करते हुए कहा है कि वो भ्रामक जानकारी से निपटने के लिए कदम उठा रही है।

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