पेशावर स्कूल हमले का मास्टरमाइंड अमेरिकी हमले में ढेर
बाचा खान विश्वविद्यालय हमले एवं पेशावर स्कूल नरसंहार का मास्टरमाइंड और उसके चार अन्य साथी अफगानिस्तान में अमेरिका के एक हवाई हमले में मारे गए।
वाशिंगटन। बाचा खान विश्वविद्यालय हमले एवं पेशावर स्कूल नरसंहार का मास्टरमाइंड और उसके चार अन्य साथी अफगानिस्तान में अमेरिका के एक हवाई हमले में मारे गए। पेंटागन ने इस बात की पुष्टि की है। पेंटागन के प्रेस सचिव पीटर कुक ने बुधवार को बताया कि तारिक गिदार समूह का एक कुख्यात आतंकवादी नेता उमर खलीफा नांगरहार में इस सप्ताहांत में मारा गया। कुक ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत के इस्लामिक स्टेट-खोरासन प्रांत के सदस्यों को निशाना बनाकर किए गए अमेरिकी बलों एवं अफगानिस्तान के हमले में उमर खलीफा चार अन्य दुश्मन लड़ाकों के साथ नौ जुलाई को मारा गया।’’
उमर नाराई के नाम से भी जाना जाने वाला खलीफा पाकिस्तान में हुए कई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड था। इनमें जनवरी 2016 में बाचा खान यूनिवर्सिटी पर हुआ हमला, सितंबर 2015 में बदाबेर वायु सेना स्टेशन पर हुआ हमला, दिसंबर 2014 में पेशावर स्कूल पर हुआ हमला शामिल है। इस स्कूल पर हुए हमले में करीब 150 लोग मारे गए थे जिनमें अधिकतर बच्चे थे। कुक ने कहा, ‘‘यह हवाई हमला अमेरिका की संलिप्तता के नियमों एवं आतंकवाद विरोधी हितों के आधार पर किया गया लेकिन पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान की सुरक्षा के संबंध में इसकी विशेष प्रासंगिकता आतंकवाद से निपटने से जुड़े अमेरिका, अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के साझा सुरक्षा हितों को रेखांकित करती है।’’
कुक ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के साथ आतंकवाद विरोधी मजबूत साझीदारी बरकरार रखी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा की खातिर आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए दिए गए हमारी सेनाओं के बलिदान का सम्मान करते हैं। हम लगातार सहयोग के माध्यम से ही क्षेत्र में आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने में सामूहिक सफलता प्राप्त कर पाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी कमांडरों, खुफिया एजेंसियों एवं कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अफगानिस्तान में हमला करने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए पाकिस्तान के सेना प्रमुख द्वारा हाल में दिए गए निर्देश की महत्ता भी जानते हैं।’’ अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने 25 मई को उमर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया था जिसके बाद उसे अमेरिका की हिट-लिस्ट में शामिल किए जाने का रास्ता साफ हो गया था। पाकिस्तानी सेना ने जून 2014 में जर्ब ए अज्ब सैन्य अभियान शुरू किया था जिसके कारण उमर और उसके साथी अफगानिस्तान चले गए थे।
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