अफगानिस्तान पर बैठक महत्वपूर्ण समय में क्षेत्रीय देशों की सक्रियता को दर्शाती है : संयुक्त राष्ट्र

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अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि देबारो लियोन ने कहा है कि, ‘‘शेष अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरह क्षेत्रीय देशों ने भी अफगानिस्तान में एक अधिक समावेशी सरकार के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा, काम पर लौटने वाली महिलाओं, मानवाधिकारों के सम्मान और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को पुन: बहाल करने की आवश्यकता का आह्वान किया है।

संयुक्त राष्ट्र| अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि देबारो लियोन ने कहा है कि भारत द्वारा अफगानिस्तान पर हाल ही में आयोजित क्षेत्रीय सुरक्षा सम्मेलन से पता चलता है कि युद्धग्रस्त राष्ट्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने तथा आतंकवाद से निपटने की तत्काल आवश्यकता को लेकर इस महत्वपूर्ण समय में क्षेत्रीय देश कितनी मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं।

भारत ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चर्चा करने के लिए पिछले सप्ताह दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता की मेजबानी की थी, जिसमें रूस, ईरान, कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने भाग लिया था।

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दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में इन देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने अफगानिस्तान को बिना किसी बाधा के प्रत्यक्ष और सुनिश्चित रूप से मानवीय सहायता प्रदान करने का आह्वान किया।

दरअसल, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को सहायता भेजने के लिए पारगमन सुविधाओं की अनुमति नहीं दी है। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन की प्रमुख देबोरा लियोन ने कहा, “ इस महत्वपूर्ण समय में इन क्षेत्रीय देशों ने अफगानिस्तान की विभिन्न मोर्चों पर लगातार सहायता की है। इसके अलावा चीन, पाकिस्तान, रूस और अमेरिका के प्रतिनिधि भी “ट्रोइका प्लस” संगठन के तहत लगातार अफगानिस्तान को लेकर बैठक कर रहे हैं।

लियोन ने सुरक्षा परिषद को अफगानिस्तान के मौजूदा हालात से अवगत कराते हुए कहा, “ अफगानिस्तान को लेकर भारत ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर पर कुछ क्षेत्रीय देशों के एक सम्मेलन की भी मेजबानी की। इस महत्वपूर्ण समय में क्षेत्रीय देश कितनी मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं, ये इसके सभी संकेत हैं।’’

उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की अवैध तस्करी और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर तत्काल अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘शेष अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरह क्षेत्रीय देशों ने भी अफगानिस्तान में एक अधिक समावेशी सरकार के साथ-साथ लड़कियों की शिक्षा, काम पर लौटने वाली महिलाओं, मानवाधिकारों के सम्मान और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को पुन: बहाल करने की आवश्यकता का आह्वान किया है।

इन मुद्दों पर एक मजबूत क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहमति है। दुनिया इन मुद्दों पर तालिबान से एक स्वर में बात कर रही है।’’

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में अपनाया गया ‘‘अफगानिस्तान पर दिल्ली घोषणापत्र’’ अफगानिस्तान पर बहुत आवश्यक क्षेत्रीय सहमति को दर्शाता है।

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तिरुमूर्ति ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अफगानिस्तान सहित प्रमुख हितधारकों ने अफगानिस्तान पर दिल्ली घोषणापत्र का स्वागत किया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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