पाकिस्तानी सेना की राज्येत्तर तत्वों को समर्थन देने की नीति में बदलाव के आसार नहीं : मुहाजिर नेता

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[email protected] । Jul 21 2019 12:47PM

एक शीर्ष मुहाजिर नेता ने कहा कि पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के अपने पड़ोसियों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए राज्येत्तर तत्वों को समर्थन देने की अपनी दशकों पुरानी नीति बदलने के आसार नहीं हैं। अमेरिका स्थित वॉयस ऑफ कराची के प्रमुख नदीम नुसरत ने कहा कि केवल इस यात्रा के आधार पर अमेरिका-पाकिस्तान संबंध में कोई अहम बदलाव देख पाना नामुमकिन है।

वाशिंगटन। एक शीर्ष मुहाजिर नेता ने कहा कि पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के अपने पड़ोसियों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए राज्येत्तर तत्वों को समर्थन देने की अपनी दशकों पुरानी नीति बदलने के आसार नहीं हैं। अमेरिका स्थित वॉयस ऑफ कराची के प्रमुख नदीम नुसरत ने कहा कि केवल इस यात्रा के आधार पर अमेरिका-पाकिस्तान संबंध में कोई अहम बदलाव देख पाना नामुमकिन है। पाकिस्तानी सेना को धार्मिक चरमंपथी तत्वों का पालन-पोषण करने और उनका समर्थन करने की अपनी मौजूदा नीति को मूल रूप से बदलना होगा तभी वह अमेरिका के साथ संबंधों में बड़े सुधार की उम्मीद कर सकता है।

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अमेरिका में रह रहे मुहाजिरों का प्रतिनिधित्व करने वाले वॉयस ऑफ कराची ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ खान की यात्रा के दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। मुहाजिर उर्दू भाषी लोग हैं जो विभाजन के दौरान भारत से विस्थापित हो गए थे। बड़ी संख्या में मुहाजिर सिंध प्रांत के शहरी इलाकों कराची, हैदराबाद, मीरापुर खास और सुक्कुर में रह रहे हैं।पाकिस्तान में 70 से अधिक वर्षों तक शासन करने वाली शक्तिशाली सेना के पास अभी तक सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी शक्ति रही है।

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नुसरत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान को चलाने वाले पाकिस्तानी सेना प्रतिष्ठान लंबे समय से धार्मिक चरमपंथी संगठन जैसे कि जमात-उद-दावा, जैश-ए-मोहम्मद से राष्ट्रीय या सुरक्षा संपत्ति के तौर पर व्यवहार करते रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ये संगठन पाकिस्तानी सेना का विस्तार हैं। उन्होंने कहा कि जेयूडी सरगना हाफिज सईद आज बेशक जेल में हो लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ है। सईद को पहले भी कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है। 

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