सैन्य जुंटा के खिलाफ म्यांमार की ब्यूटी क्वीन ने उठाई राइफल, कहा- अपनी जान देने के लिए हूं तैयार
तार तेत तेत ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट करते हुए लिखा, वापस लड़ने का समय आ गया है। चाहे आप हथियार, कलम, कीबोर्ड धारण करें या लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के लिए धन दान करें, क्रांति को सफल बनाने के लिए सभी को अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा, मूझसे जितना भी हो सकेगा, मैं लड़ूंगी।
साल 2013 में थाईलैंड में पहली मिस ग्रैंड इंटरनेशनल ब्यूटी पेजेंट में म्यांमार का प्रतिनिधित्व करने वाली तार तेत तेत ने दक्षिण-पूर्व एशियाई देश के सैन्य जुंटा के खिलाफ हथियार उठा लिया है। बता दें कि म्यांमार की पूर्व ब्यूटी क्वीन ने असॉल्ट राइफल के साथ अपनी तस्वीरें पोस्ट की हैं जिसमें सैन्य जुंटा के खिलाफ विद्रोह करते साफ नज़र आ रही है। जानकारी के मुताबिक, 32 वर्षीय तार तेत तेत म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों में जातीय सशस्त्र समूहों में शामिल हो गई हैं।
The revolution is not an apple that falls when it is ripe. You have to make it fall. (Che Guevara)
— Htar Htet Htet (@HtarHtetHtet2) May 11, 2021
We must Win 💪💪💪 pic.twitter.com/iHEDhF314p
तार तेत तेत ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट करते हुए लिखा, "वापस लड़ने का समय आ गया है। चाहे आप हथियार, कलम, कीबोर्ड धारण करें या लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के लिए धन दान करें, क्रांति को सफल बनाने के लिए सभी को अपना योगदान देना चाहिए।" उन्होंने कहा, "मूझसे जितना भी हो सकेगा, मैं लड़ूंगी। मैं तैयार हूं और सबकुछ त्यागने के लिए भी तैयार हूं। मैं अपनी जान देने के लिए भी तैयार हूं।" तार तेत तेत ने ट्वीट कर कहा, “क्रांति एक सेब नहीं है जो पके होने पर गिरता है। आपको इसे गिराना है। हमें जीतना चाहिए,”।
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बता दें कि म्यांमार के नागरिक नेता आंग सान सू की के गिरफ्तारी के बाद से अराजकता में है और सेना ने 1 फरवरी से सत्ता पर कब्जा कर लिया है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, "10 मई तक, कम से कम 782 लोग मारे गए हैं क्योंकि सुरक्षा बलों ने 1 फरवरी को सैन्य तख्तापलट के बाद से प्रदर्शनों और सार्वजनिक भागीदारी के अन्य रूपों को दबाने के लिए कई घातक बलों का इस्तेमाल किया।" एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र अधिकार कार्यालय (OHCHR) के प्रवक्ता रूपर्ट कॉलविल ने कहा, "सैन्य अधिकारियों ने सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए विरोधियों पर क्रूर कार्रवाई में कोई कमी नहीं दिखाई है।" कोल्विल ने कहा, "जबकि दुनिया का अधिकांश ध्यान सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों और दर्शकों की संख्या पर रहा है, अधिकारियों ने म्यांमार के लोगों के खिलाफ अन्य घोर मानवाधिकार उल्लंघन करना जारी रखा है"। बता दें कि म्यांमार में अशांति के मद्देनजर, देश के शहरी हिस्सों से हजारों लोग सीमावर्ती क्षेत्रों में भाग गए हैं। जातीय सशस्त्र विद्रोही समूहों ने हाल के महीनों में सेना और पुलिस पर हमले तेज कर दिए हैं।
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