नेपाल लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा में कराना चाहता है जनगणना, फिर खड़ा हो सकता है सीमा विवाद

Sher Bahadur Deuba

नेपाल ने गुरुवार को 12वीं राष्ट्रीय जनगणना की शुरुआत की है। नेपाल के केंद्रीय सांख्यिकीय ब्यूरो (सीबीएस) के महानिदेशक नबीन लाल श्रेष्ठ ने जनगणना की शुरुआत के मौके पर कहा कि हम उन तीन क्षेत्रों में जनगणना करने के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से भारतीय अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं।

पिथौरागढ़। भारत सरकार के विरोध के बावजूद पड़ोसी मुल्क नेपाल ने अपने देश का नया राजनीतिक और प्रशासनिक नक्‍शा जारी किया था और लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के भारतीय इलाकों को अपने नक्शे में दर्शाया था। जिसके बाद विवाद खड़ा हो हुआ। लेकिन अब नेपाल ने एक और ओछी हरकत करने की कोशिश की है। दरअसल, नेपाल लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा में राष्ट्रीय जनगणना करने वाला है और इसके लिए नेपाल अपने भारतीय समकक्षों से संपर्क करने का प्रयास कर रहा है। 

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आपको बता दें कि नेपाल ने गुरुवार को 12वीं राष्ट्रीय जनगणना की शुरुआत की है। नेपाल के केंद्रीय सांख्यिकीय ब्यूरो (सीबीएस) के महानिदेशक नबीन लाल श्रेष्ठ ने जनगणना की शुरुआत के मौके पर कहा कि हम उन तीन क्षेत्रों में जनगणना करने के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से भारतीय अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी विवादित क्षेत्रों से सूचनाएं एकत्रित करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की योजना है।

भारत ने भी जारी किया था नया नक्शा

भारत ने नवंबर 2019 में एक नया नक्शा जारी करते हुए इन लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को उसका हिस्सा दर्शाया था। इतना ही नहीं भारत ने नेपाल के इस कदम की तीखी आलोचना करते एकपक्षीय कार्रवाई बताया था। साथ ही कहा था कि काठमांडू को चेताया कि क्षेत्रीय दावों का ऐसा कृत्रिम विस्तार उसे स्वीकार्य नहीं होगा।

सीबीएस नेपाल के सूचना अधिकारी तीर्थ चौलागई ने कहा कि हमें आंकड़े जुटाने के लिए क्षेत्र में प्रवेश करने के लिहाज से वहां तैनात भारतीय सुरक्षाकर्मियों की अनुमति की जरूरत है। वे इस उद्देश्य से राजनयिक माध्यमों से प्रयास कर रहे हैं।

आपको बता दें कि नेपाल लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के 395 किमी के भारतीय इलाके पर दावा कर रहा है जो भारतीय क्षेत्र है और इसे अपने नए नक्शे में शामिल किया है। जिसे भारत नहीं मानता है। इसी वजह से दोनों देशों के बीच में विवाद खड़ा हुआ। 395 किमी के इलाके में कालापानी का 60 किमी का इलाका और लिंपियाधुरा का 335 किमी का इलाका शामिल है। 

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सूचना अधिकारी तीर्थ चौलागई के मुताबिक, विवादित क्षेत्र में 5 गांवों में करीब 700 से 800 लोग रह रहे हैं। वहां के मकानों को जनगणना के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल के पास कालापानी क्षेत्र का कोई मौजूदा जनगणना आंकड़ा नहीं है, हालांकि पड़ोसी देश का दावा है कि उसने 1961 में यहां एक सर्वेक्षण कराया था। भारत-नेपाल सीमा विवाद पिछले साल मई में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा घटियाबागर से लिपुलेख दर्रे तक 74 किमी लंबी सड़क का उद्घाटन करने के बाद शुरू हुआ था। नेपाल ने यह आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज कराया था कि सड़क उसके क्षेत्र से होकर गुजरती है।

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