इशारों-इशारों में नेपाली PM ओली का भारत पर निशाना, कहा- मुझे हटाने की हो रही साजिश
नेपाल के कुछ नेता भी तत्काल उन्हें हटाने के खेल में शामिल हैं। प्रधानमंत्री ओली और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ”प्रचंड” समेत उनके प्रतिद्वंद्वियों के बीच स्थायी समिति की बैठक में मतभेद खुल कर सामने आ गए थे।
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प्रधानमंत्री ने दावा किया, ”दूतावासों और होटलों में अलग अलग तरह की गतिविधियां हो रही हैं। अगर आप दिल्ली के मीडिया को सुनेंगे तो आपको संकेत मिल जाएगा। ” उन्होंने कहा कि नेपाल के कुछ नेता भी तत्काल उन्हें हटाने के खेल में शामिल हैं। प्रधानमंत्री ओली और सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ”प्रचंड” समेत उनके प्रतिद्वंद्वियों के बीच स्थायी समिति की बैठक में मतभेद खुल कर सामने आ गए थे। ओली ने रविवार कहा, ”अतीत में जब मैंने बीजिंग के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए तो मेरी अल्पसंख्यक सरकार गिर गई थी। लेकिन इस बार हमारी सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। इसलिए कोई भी मुझे हटा नहीं सकता है।” उन्होंने कहा, ”मैंने अपनी भूमि पर दावा करके कोई गलती नहीं की है जो पिछले 58 वर्षों से हमसे छीन ली गई है और नेपाल का उन इलकों पर 146 साल तक अधिकार रहा।” नेपाल ने संविधान संशोधन के जरिए इस महीने देश के राजनीतिक नक्शे को बदलने की प्रक्रिया पूरी कर ली।
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इसमें रणनीतिक रूप से अहम, भारत के तीन क्षेत्रों को शामिल किया गया है। संसद ने सर्वसम्मति से देश के नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूरी दी है जिसमें भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिमपियाधुरा को शामिल किया गया है। इसके बाद भारत ने नेपाल द्वारा किए गए क्षेत्रीय दावों के कृत्रिम विस्तार को असमर्थनीय करार दिया है। नाम न बताने की शर्त पर सत्तारूढ़ एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ओली का संकेत सत्तारूढ़ पार्टी के अंदर उनके विरोधियों के लिए कहा था न कि किसी बाहरी के लिए। उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ पार्टी में मतभेद बढ़ रहे हैं और प्रधानमंत्री को उन्हीं की पार्टी में किनारे किया जा रहा है और उनके ही साथी सरकार के प्रदर्शन की आलोचना कर रहे हैं। एनसीपी के अन्य नेता ने कहा कि स्थायी समिति की बैठक से पहले दो दिन ओली की गैर हाजिरी उनके और प्रचंड के बीच बढ़ते मतभेद को दिखाती है।
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