उत्तर कोरिया ने परमाणु कूटनीति बहाल करने के लिए अमेरिका पर बनाया दबाव
ग्वान ने कहा कि उन्हें इसमें संदेह है कि एक और सम्मेलन में कोई सफलता हाथ लगेगी, इसकी वजह उन्होंने वॉशिंगटन में चल रही चर्चाओं को बताया।
सोल। उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को कहा कि वह चाहता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ठप पड़ी परमाणु कूटनीति के लिए नए रास्ते खोलने की खातिर ‘‘ विवेकी विकल्प देखें और साहसपूर्ण निर्णय लें।’’ वार्ता की संभावित बहाली से पहले उत्तर कोरिया ने यह कहकर अमेरिका पर दबाव बढ़ा दिया है। विदेश मंत्री के सलाहकार किम के ग्वान के इस बयान से कुछ दिन पहले ही ट्रंप ने कहा था कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के साथ उनकी एक और मुलाकात जल्द ही हो सकती है।
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ग्वान ने कहा कि उन्हें इसमें संदेह है कि एक और सम्मेलन में कोई सफलता हाथ लगेगी, इसकी वजह उन्होंने वॉशिंगटन में चल रही चर्चाओं को बताया। उनके मुताबिक वॉशिंगटन में यह सोच चल रही है कि बड़ी छूट प्राप्त करने के लिए उत्तर कोरिया को हथियारों को खत्म करना होगा, इसके अलावा वहां यह भी माना जा रहा है कि अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से ही उत्तर कोरिया वार्ता के लिए तैयार हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष सिंगापुर में किम और ट्रंप के बीच पहले सम्मेलन के बाद संयुक्त वक्तव्य दिया गया था कि उसके क्रियान्वयन के लिए अमेरिका कदम नहीं उठा रहा है।
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उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने साझा विश्वास कायम करने और सिंगापुर वक्तव्य को लागू करने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं। उन्होंने इसके लिए तीन अमेरिकियों को स्वदेश भेजना और अमेरिकी युद्ध के अवशेषों को लौटाने जैसे उदाहरण दिए। ग्वान ने कहा कि मैं समझता हूं कि राष्ट्रपति ट्रंप राजनीतिक समझ और फैसले लेने के मामले में पहले के अन्य राष्ट्रपति के मुकाबले अलग हैं, डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के प्रति उनका रवैया देखकर ऐसा कहा जा सकता है। इसलिए मुझे राष्ट्रपति ट्रंप के विवेकी विकल्प और बड़े फैसले से काफी उम्मीद है।
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