भारत की सदस्यता मुद्दे पर नवंबर में फिर विचार करेगा एनएसजी

[email protected] । Jun 24 2017 5:41PM

एनएसजी में प्रवेश के लिए भारत के प्रयासों के बीच इस समूह ने कहा है कि उसने नयी दिल्ली और अन्य गैर एनपीटी देशों के आवेदन के तकनीकी, कानूनी और राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा की है।

राष्ट्रीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में प्रवेश के लिए भारत के प्रयासों के बीच इस 48 सदस्यीय समूह ने कहा है कि उसने नयी दिल्ली और अन्य गैर एनपीटी देशों के आवेदन के तकनीकी, कानूनी और राजनीतिक पहलुओं पर चर्चा की है तथा नवंबर में एक और बैठक करने का फैसला किया है। समूह के एक बयान में कहा गया कि स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में शुक्रवार को संपन्न हुई एनएसजी की पूर्ण बैठक में सदस्य देशों ने समूह के साथ भारत के रिश्तों पर चर्चा की।

इसमें कहा गया, 'एनएसजी ने समूह में गैर एनपीटी देशों की भागीदारी के तकनीकी, कानूनी और राजनीतिक पहलुओं के मुद्दे पर चर्चा की। समूह ने अपनी चर्चा जारी रखने का फैसला किया और नवंबर में एक अनौपचारिक बैठक करने की अध्यक्ष की भावना का उल्लेख किया।' बयान भारत के प्रयासों पर चीन के विरोध के बीच आया है। चीन प्राथमिक तौर पर इस आधार पर भारत के प्रयासों का विरोध कर रहा है कि उसने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। गत सप्ताह चीन ने कहा था कि एनएसजी में गैर एनपीटी देशों के प्रवेश के मुद्दे पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। यह मुद्दा भारत-चीन के बीच संबंधों में एक बाधा बना हुआ है। भारत द्वारा एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन किए जाने के बाद चीन के दोस्त पाकिस्तान ने भी बीजिंग के मौन समर्थन के साथ इसके लिए आवेदन किया था।

चीन ने एनएसजी में भारत के प्रवेश को मुश्किल बना दिया है क्योंकि यह समूह सर्वसम्मति के सिद्धांत पर काम करता है। बयान में कहा गया, 'पूर्ण बैठक में, एनएसजी ने भारत के साथ असैन्य परमाणु करार पर 2008 के बयान के क्रियान्वयन के सभी पहलुओं पर विचार करना जारी रखा और भारत के साथ एनएसजी के संबंधों पर चर्चा की।' वर्ष 2008 में एनएसजी ऐतिहासिक भारत-अमेरिका परमाणु करार के लिए मार्ग प्रशस्त करने के वास्ते असैन्य परमाणु कारोबार से संबंधित अपने नियमों से भारत को छूट देने पर सहमत हो गया था। बर्न में पूर्ण बैठक के दौरान एनएसजी के सदस्य देशों ने अंतरराष्ट्रीय अप्रसार व्यवस्था की आधारशिला के रूप में एनपीटी के पूर्ण तथा प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अपना पूर्ण समर्थन दोहराया। एनएसजी की पूर्ण बैठक में सभी परमाणु आपूतर्किर्ता देशों को एनएसजी दिशा-निर्देशों के अनुरूप परमाणु निर्यात के प्रति जवाबदेह रवैया व्यक्त करने को आमंत्रित किया।

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