अमेरिका में प्रवासी भारतीयों ने किया मोदी के पुनर्निर्वाचन का समर्थन: सर्वेक्षण
सर्वेक्षण में पाया गया कि प्रवासी भारतीयों ने उनकी समस्याओं को निपटाने के लिए विदेश मंत्रालय के प्रदर्शन को सर्वाधिक (95.5 प्रतिशत) वोट दिए। 92 प्रतिशत प्रवासी भारतीयों का मानना है कि 2014 से पहले की तुलना में अब भारत का अधिक सम्मान है।
वॉशिंगटन। अमेरिका में रहने वाले प्रवासी भारतीयों ने हाल में हुए लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुन: निर्वाचन को व्यापक समर्थन दिया है और उन्होंने उनकी समस्याओं को निपटाने के लिए विदेश मंत्रालय को लगभग पूरे नंबर दिए।अमेरिका स्थित सार्वजनिक एवं अंतरराष्ट्रीय नीति मंच ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायसपोरा स्टडीज’ (एफआईआईडीएस) के सर्वेक्षण के अनुसार अमेरिका में रह रहे 93.9 प्रतिशत प्रवासी भारतीयों ने प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी के दोबारा निर्वाचन को समर्थन दिया।
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इस महीने की शुरुआत में कराए गए ओपीनियन पोल में विभिन्न कार्यक्रमों, पहलुओं और मामलों में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के प्रदर्शन संबंधी प्रश्न पूछे गए थे। सर्वेक्षण में पाया गया कि प्रवासी भारतीयों ने उनकी समस्याओं को निपटाने के लिए विदेश मंत्रालय के प्रदर्शन को सर्वाधिक (95.5 प्रतिशत) वोट दिए। 92 प्रतिशत प्रवासी भारतीयों का मानना है कि 2014 से पहले की तुलना में अब भारत का अधिक सम्मान है। इसके अलावा 93 प्रतिशत भारतीयों को लगता है कि मोदी सरकार ने सड़क, रेलवे, नदी परिवहन एवं विद्युतीकरण जैसी कई बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में बेहतर काम किया है।
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राजग सरकार ने पिछले पांच साल में वीजा एवं पासपोर्ट संबंधी समस्याओं समेत प्रवासी भारतीय समुदायों की समस्याओं को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। भारतीय वाणिज्यदूतावास द्वारावीजा और पासपोर्ट जारी करने में लगने वाले समय में पिछले पांच साल में काफी कमी आई है। सर्वेक्षण के अनुसार 80 प्रतिशत से अधिक भारतीयों को लगता है कि सरकार की योजनाएं भारत की बेहतरी के लिए हैं। इनमें से स्वच्छ भारत को सर्वाधिक समर्थन (86.9 प्रतिशत) मिला।
What does Modi's re-election mean for minorities in India. I speak to @NPR https://t.co/ppxzyZiTvv
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) May 27, 2019
इसके बाद मेक इन इंडिया को 84.6 प्रतिशत, डिजिटल इंडिया को 84.3 प्रतिशत और स्टार्ट अप इंडिया को 71 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला। 92 प्रतिशत प्रवासी भारतीयों ने आतंकवाद से निपटने के सरकार के तरीके के लिए उसका समर्थन किया। सर्वेक्षण के अनुसार केवल 63.3 प्रतिशत प्रवासी भारतीयों को ही लगता है कि रामजन्मभूमि और सबरीमला मामले 2019 आम चुनाव के लिए महत्वपूर्ण थे।
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