पाक ने स्थायी सदस्यता में विस्तार संबंधी मांग की आलोचना की
पाकिस्तान ने भारत समेत जी4 देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीटों की संख्या बढ़ाने की मांग किए जाने की आलोचना करते हुए कहा है कि यह ‘‘घटिया तर्क’’ पर आधारित है।
संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तान ने भारत समेत जी4 देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीटों की संख्या बढ़ाने की मांग किए जाने की आलोचना करते हुए कहा है कि यह ‘‘घटिया तर्क’’ पर आधारित है और यह कुछ देशों की ‘‘अपनी राष्ट्रीय महात्वकांक्षाओं’’ को प्रतिबिंबित करता है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर अंतरसरकारी वार्ताओं पर महासभा की अनौपचारिक बैठक में कहा कि परिषद में विस्तार का लक्ष्य ‘‘कुछ देशों नहीं बल्कि सभी की महत्वकाक्षांओं’’ और चिंताओं को दूर करना होना चाहिए।
पाकिस्तान मिशन द्वारा यहां जारी बयान में दावा किया गया है कि मलीहा ने सुरक्षा परिषद में विस्तार पर पिछले सप्ताह जी4 के रूख का ‘‘पर्दाफाश’’ कर दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने जी4 देशों- ब्राजील, जर्मनी, भारत एवं जापान- की ओर से कहा था कि परिषद में ‘‘प्रभाव के असंतुलन’’ की समस्या को संयुक्त राष्ट्र के शक्तिशाली निकाय में केवल अस्थायी सदस्यों को शामिल करके दूर नहीं किया जा सकता।
पाकिस्तान मिशन ने बयान में कहा कि मलीहा ने यह कह कर ‘‘भारत और उसके सहयोगियों के घटिया तर्क का पर्दाफाश कर दिया’’ कि और स्थायी सीटों को शामिल करने का जी4 का फार्मूला ‘‘वैश्विक संस्था की व्यापक सदस्यता की कीमत पर कुछ देशों की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की इच्छा को प्रतिबिंबित’’ करता है। भारत ने कहा था कि समस्या की जड़ सुरक्षा परिषद में स्थायी एवं अस्थायी सदस्यों के बीच ‘‘प्रभाव का असंतुलन’’ है और केवल अस्थायी वर्ग में सदस्यों की संख्या बढ़ाने से समस्या का समाधान नहीं होगा। स्थायी सदस्यता में विस्तार की मांग करने वाले प्रस्ताव का विरोध करते हुए मलीहा ने तर्क दिया कि यह इस सिद्धांत के विपरीत है कि सभी सदस्य देश परिषद को ‘‘अधिक प्रतिनिधित्व मुहैया कराने वाली, लोकतांत्रिक, जवाबदेह, पारदर्शी एवं प्रभावशाली’’ बनाने पर सहमति जताते हैं। उन्होंने जोर दिया कि केवल समय समय पर चुनाव और निश्चित रोटेशन के आधार पर अतिरिक्त चयनित सीटें ही सभी राष्ट्रों को सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने का समान एवं निष्पक्ष मौका मुहैया कराएंगी।
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