UN में पाक ने कश्मीर में मौतों की स्वतंत्र जाँच की माँग उठाई

[email protected] । Jul 15 2016 2:13PM

पाकिस्तान ने कश्मीर में हुई ‘न्यायेतर’ हत्याओं की संयुक्त राष्ट्र समर्थित एवं पारदर्शी जांच की मांग की है और कहा है कि कश्मीर की स्थिति ‘‘शांति एवं सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।''''

संयुक्त राष्ट्र। भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बावजूद पाकिस्तान ने कश्मीर में हुई ‘न्यायेतर’ हत्याओं की संयुक्त राष्ट्र समर्थित एवं पारदर्शी जांच की मांग की है और कहा है कि कश्मीर में परिस्थिति ‘‘शांति एवं सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है।’’ संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के मिशन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून के शेफ डी केबिनेट, अवर महासचिव एडमंड मुलेट से मुलाकात की और जांच के लिए जोर दिया।

इसमें कहा गया, ‘‘संयुक्त राष्ट्र में, पाकिस्तान ने भारत अधिकृत कश्मीर में न्यायेत्तर हत्याओं की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की अपील की है और वहां की स्थिति को शांति एवं सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया है।’’ इसमें कहा गया, लोधी ने मुलेट को कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों की ओर से की गई ‘‘भारी क्रूरता’’ की जानकारी दी और हिज्बुल के कमांडर बुरहान वानी की मौत की बात उठाई। लोधी ने उसे ‘‘एक लोकप्रिय कश्मीरी युवा नेता’’ बताया।

लोधी की इन टिप्पणियों से एक दिन पहले ही भारत ने पाकिस्तान पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया था कि इस्लामाबाद आतंकियों को तो बढ़ावा दे ही रहा है, वह आतंकी संगठनों को सहयोग देकर घाटी के भीतर असंतोष को हवा भी दे रहा है। वानी की मौत को एक ‘हत्या’ बताते हुए लोधी ने कहा कि उसकी मौत ने व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया है और भारतीय सुरक्षाकर्मी ‘‘भारी बल’’ का प्रयोग कर रहे हैं। इसमें निहत्थे नागरिकों पर गोलियां चलाना भी शामिल है।

विज्ञप्ति में कहा गया कि मुलेट ने लोधी को बताया कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव कश्मीर में बिगड़ती स्थिति को लेकर चिंतित हैं और वह भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ताओं की मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते दोनों पड़ोसी उनकी मध्यस्थता को स्वीकार कर लें। लोधी ने कहा कि कश्मीर की स्थिति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय होनी चाहिए क्योंकि यह शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने नागरिकों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग को ‘‘बेहद खेदजनक और निंदनीय’’ बताया। विज्ञप्ति में लोधी के हवाले से कहा गया, ‘‘स्वाधीनता के अधिकार के लिए आंदोलन कर रहे कश्मीरियों को ‘आतंकी’ करार देना सच का मजाक बनाना है और इससे भावनाएं और अधिक भड़क रही हैं।’'

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