पाक सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल सत्तार एधी का निधन

[email protected] । Jul 9 2016 5:28PM

मानवता के लिए और गरीबों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पाकिस्तान के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल सत्तार एधी का निधन हो गया।

कराची। मानवता के लिए और गरीबों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले पाकिस्तान के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल सत्तार एधी का निधन हो गया। उनके गुर्दे ने काम करना बंद कर दिया था। उनकी उम्र 92 साल थी। उनके बेटे फैसल ने शुक्रवार को कहा, ‘‘किडनी की खराबी के कारण कुछ घंटे पहले उनका निधन हो गया। खराब स्वास्थ्य की वजह से डायलिसिस के दौरान उन्हें सांस लेने में दिक्कत आ रही थी।’’ एधी के जनाजे की नमाज आज होगी जिसके बाद उन्हें एधी गांव में सुपुर्दे खाक किया जाएगा। उन्होंने 25 साल पहले इस गांव की स्थापना की थी। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने 25 साल पहले एधी गांव के पास अपनी कब्र की जगह चुन ली थी और उनकी इच्छाओं के अनुरूप उन्हें दफनाया जाएगा।’’

सामाजिक कार्यकर्ता ने अपना जीवन मानवता के लिए और गरीबों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने बेसहारा, गरीबों और बुजुर्गों को आश्रय देने के उद्देश्य से एधी गांव की स्थापना की थी और वह मानवीय कार्यों के लिए मशहूर संगठन एधी फाउंडेशन के संस्थापक थे। फैसल ने कहा, ‘‘निधन से पहले उन्होंने अपने शरीर के अंग दान कर दिए। हम आपको आश्वस्त कर सकते हैं कि एधी फाउंडेशन और गांव मानवीय कार्यों की उनकी विरासत को जारी रखेगा।’’

इससे पहले शुक्रवार को दिन में फैसल ने कहा था कि सांस की तकलीफ होने के बाद उनके पिता को सिंध इंस्टीट्यूट ऑफ युरॉलजी एंड ट्रांसप्लांटेशन में भर्ती कराया गया और वहां उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है। फैसल ने कहा कि उनके पिता के गुर्दे 2013 में खराब हो गए थे और उनका डायलिसिस किया जा रहा था लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण गुर्दे का प्रतिरोपण नहीं किया जा सका।

जून में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इलाज के लिए एधी को विदेश भेजने की पेशकश की थी लेकिन एधी ने पेशकश ठुकराते हुए कहा कि वह पाकिस्तान के किसी सरकारी अस्पताल में इलाज कराने को तरजीह देंगे। उन्हें कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। वह इस साल भी इस पुरस्कार के लिए नामित किए गए लोगों की सूची में शामिल थे। उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। फैसल ने कहा, ‘‘मेरे पिता की सपना पाकिस्तान को एक कल्याणकारी देश बनाना था और उन्होंने अकेले अपने दम पर एधी फाउंडेशन शुरू किया जिसने निजी दान के जरिए अपना कामकाज जारी रखा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता का अपना कोई घर नहीं था और मरते समय उन्होंने जो जूते पहन रखे थे, वह 20 साल पहले खरीदे गए थे।’’ व्यवसायियों के परिवार में जन्मे एधी 1947 में कराची आकर बस गए थे। उनका जन्म गुजरात में हुआ था और उन्होंने कराची में बेघर और बीमार लोगों के लिए 1951 में पहला घर शुरू कर कल्याण कार्यों की शुरूआत की थी। शुक्रवार रात उनके निधन की खबर सार्वजनिक होने के बाद अस्पताल के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गयी।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़