करतारपुर गलियारे पर पाक और भारत की दूसरी बैठक 14 जुलाई को होगी
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने आज (मंगलवार) भारत को जानकारी दी कि करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने और संबंधित तकनीकी मुद्दों के मसौदा समझौते पर चर्चा के लिए दूसरी बैठक वाघा पर 14 जुलाई 2019 को होगी।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान और भारत ने मंगलवार को करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने तथा संबंधित तकनीकी मुद्दों के मसौदा समझौते पर चर्चा हेतु दूसरी बैठक करने का फैसला किया। गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले में मौजूद डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं के वीजा मुक्त आवागमन में मदद करेगा। श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल परमिट लेना होगा। सिख धर्म की नींव रखने वाले गुरू नानक देव ने 1522 ईसवी में करतारपुर साहिब की स्थापना की थी।
“Pakistan, today, conveyed to India that the second meeting to discuss the draft agreement for finalising the modalities of Kartarpur Corridor and related technical issues will be held on 14th July, 2019 at Wagah,” said a Foreign Office (FO) statement.https://t.co/pM7OWxaOXB
— Dawn.com (@dawn_com) July 3, 2019
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने आज (मंगलवार) भारत को जानकारी दी कि करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने और संबंधित तकनीकी मुद्दों के मसौदा समझौते पर चर्चा के लिए दूसरी बैठक वाघा पर 14 जुलाई 2019 को होगी। मंत्रालय ने संक्षिप्त बयान में कहा कि भारतीय पक्ष से अपने प्रतिनिधिमंडल के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मामले की शीघ्र प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है ताकि यह सुनिश्चित हो कि गलियारे से नवंबर 2019 में गुरू नानक देवजी के 550वीं जयन्ती समारोह के लिए उचित समय पर आवागमन शुरू हो।
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भारत ने 11 से 14 जुलाई के बीच बातचीत का प्रस्ताव रखा था। नयी दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की कि भारत पाकिस्तान द्वारा प्रस्तावित तारीखों को स्वीकार करेगा क्योंकि यह उसकी योजना के अनुरूप है। अटारी पर ऐतिहासिक गलियारे के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की पहली बैठक पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर द्वारा 14 फरवरी को पुलवामा में किये गये आतंकी हमले के बाद मार्च में द्विपक्षीय तनाव के साये में हुई थी। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि बैठक ‘‘लाभदायक’’ रही और चर्चा‘‘सौहार्दपूर्ण माहौल’’ में हुई। भारत ने करतारपुर गलियारे पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त एक समिति में कई खालिस्तानी अलगाववादियों की मौजूदगी पर अपनी चिंता जताई थी।
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