जाधव के लिए पाकिस्तान ने उठाया बड़ा कदम, आर्मी एक्ट में करेगा बदलाव
धर्म के आधार पर सबसे अधिक घृणा अपराध यहूदियों (835) के साथ दर्ज किए गए, इसके बाद मुस्लिम (188) और फिर सिखों (60) का स्थान रहा। अन्य धर्मों के खिलाफ घृणा अपराध के 91 मामले दर्ज किए गए, जिनमें हिंदू (12) और बौद्ध (10) के खिलाफ अपराध शामिल हैं।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान मृत्युदंड का सामना कर रहे कुलभूषण जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ एक दीवानी अदालत में अपील दायर करने का अधिकार देने की इजाजत देने के लिये थल सेना कानून में संशोधन की तैयारी कर रहा है।एक रक्षा सूत्र ने यहां यह जानकारी दी। जाधव (49) भारतीय नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। अप्रैल 2017 में उनके खिलाफ पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत के बंद कमरे में चली सुनवाई के बाद उन्हें जासूसी एवं आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी।
Pakistan media: The case being tried under Military courts and the Army Act law forbade such individuals or groups from filing an appeal and seeking justice from the civilian court but a special amendment is being made for Kulbhushan Jadhav. https://t.co/ZhVcIgbfAt
— ANI (@ANI) November 13, 2019
हालांकि, भारत का यह कहना रहा है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गये थे। रक्षा सूत्रों ने बताया कि सरकार थल सेना कानून में संशोधन करने के मसौदे पर काम कर रही है, ताकि जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ एक दीवानी अदालत में अपील दायर करने की इजाजत मिल सके। यह कदम अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के 17 जुलाई के फैसले के अनुपालन में उठाया जा रहा।
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संशोधित कानून में सैन्य अदालतों द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ दीवानी अदालतों में समाधान मांगने की प्रक्रिया की रूपरेखा निर्धारित की जाएगी। गौरतलब है कि आईसीजे ने 17 जुलाई को अपने फैसले में कहा था कि पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा की अवश्य ही समीक्षा करनी चाहिए। भारत ने दलील दी थी कि उसके नागरिक को राजनयिक पहुंच मुहैया करने से इनकार करना राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का उल्लंघन है। पाकिस्तान ने काफी टाल-मटोल के बाद आईसीजे के निर्देश के तहत दो सितंबर को जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान की थी। पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को तीन मार्च 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। उन्होंने ईरान से कथित तौर पर प्रवेश किया था।
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